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सूरत: पलायन कर रहे लोगों को रोकने पर झड़प, पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े

सूरत: पलायन कर रहे लोगों को रोकने पर झड़प, पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े

सूरत में कपड़ा फ़ैक्ट्री के मज़दूरों को अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों के लिए पलायन करने से रोकने पर हिंसा हो गई। यह घटना रविवार शाम की है। 

सूरत में टेक्सटाइल्स फ़ैक्ट्री के मज़दूरों को अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों के लिए पलायन करने से रोकने पर हिंसा हो गई। यह घटना रविवार शाम की है। रिपोर्टों के अनुसार, जब क़रीब 500 ऐसे मज़दूरों को रोका गया तो उन्होंने पथराव कर दिया और पुलिस वाहनों को नुक़सान पहुँचाया। पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आँसू गैस के गोले दागे। पुलिस को प्रदर्शन करने वालों को उनकी कॉलोनी में वापस धकेलने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने दंगा करने के आरोप में 96 लोगों को गिरफ़्तार किया था जिन्हें बाद में सोमवार को ज़मानत मिल गई। ऐसी रिपोर्टें हैं कि गिरफ़्तार किए गए सभी लोग टेक्सटाइल्स के मज़दूर थे। 

इतने बड़े स्तर पर शायद यह पहला ऐसा मामला सामने आया है जहाँ घर के लिए पलायन करने वाले लोगों के साथ पुलिस की ऐसी झड़प हुई है और पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा है। लॉकडाउन के बाद ऐसा मामला पूरे देश भर में आया है जहाँ लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों के लिए पैदल ही निकल गए। दिल्ली-एनसीआर से पलायन करने वाले लोगों की ऐसी तसवीरें आती रही हैं जो विचलित करती हैं। लॉकडाउन के बाद पिछले 4-5 दिनों से जैसे-तैसे अपने घर पहुँचने की जद्दोजहद में हज़ारों ग़रीब और मज़दूर दिल्ली-एनसीआर सहित देश के बड़े-बड़े शहरों को छोड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने तो ऐसे लोगों को लिए 1000 बसों का इंतज़ाम भी किया। लोगों के पलायन करने के ऐसे ही मामले पंजाब, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे शहरों से भी आए। ऐसे लोगों के सामने दिक्कत यह है कि उनके लिए बिना काम के भूखे रहने की नौबत आ गई है और इसी कारण लोग पैदल घर पहुँच जाना चाहते हैं।

सूरत में भी लॉकडाउन के कारण टेक्सटाइल्स मज़दूरों के काम ख़त्म हो गए हैं। उनके सामने अब खाने का संकट आ गया है। इसी संकट को देखते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के मज़दूर पैदल घर के लिए निकल गए। लेकिन हाईवे पर पहुँचने के पहले ही इन्हें रोक दिया गया और कहा गया कि हाईवे पर कोई भी वाहन उपलब्ध नहीं हैं। इसके बाद भी वे नहीं माने और उन्होंने आगे बढ़ना जारी रखा। इसके बाद स्थिति बिगड़ गई और पुलिस को और ज़्यादा पुलिस कर्मियों को बुलाना पड़ा। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले दागने पड़े। 

हालाँकि पुलिस पलायन कर रहे लोगों को धकेलकर वापस उनकी कॉलोनी पांडेसरा में पहुँचाने में कामयाब हो गई, लेकिन इस हिंसा में काफ़ी नुक़सान भी हुआ। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस का कहना है कि डीसीपी विधि चौधरी के वाहन सहित पुलिस की तीन गाड़ियों को नुक़सान पहुँचा है। हालाँकि कोई भी पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है। 

गिरफ़्तार गिए गए लोगों को सोमवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जिन्हें ज़मानत दे दी गई। पुलिस का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है। 

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