सीबीआई निदेशक मामले में सुनवाई आज, फ़ैसला होगा?
आज सुप्रीम कोर्ट सीबीआई निदेश आलोक वर्मा की याचिका पर फ़ैसला सुना सकता है। इस याचिका ने केंद्रीय एजेंसी के अलावा सरकार, सीवीसी और रॉ की पोल खोल दी।
पूरे देश की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई हैं। अदालत को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की अर्ज़ी पर सुनवाई करनी है। वह आज अपना फ़ैसला भी सुना सकता है। वर्मा ने ब्यूरो का कामकाज लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजने के केंद्र सरकार के निर्णय को चुनौती दी थी।
दोनों ने कीं गड़बड़ियाँ?
इससे पहले सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और वर्मा ने एक-दूसरे पर पक्षपात करने, भ्रष्टाचार में शामिल होने और दूसरे तरह की अनियमितताएँ बरतने के आरोप लगाए थे। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने अपनी जाँच में वर्मा को कई तरह की गड़बड़ियाँ करने का दोषी पाया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने दोनों आला अफ़सरोें से सारे कामकाज ले कर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था।यह भी पढ़ें : एक मिनट में जानिए, क्या है पूरा मामलावर्मा ने इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। अदालत ने सीवीसी से कहा था कि वह वर्मा के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों की जाँच करके उसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे। अपनी जाँच में सीवीसी ने वर्मा को कुछ मामलों में संदिग्ध पाया। तब सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा से सीवीसी की रिपोर्ट पर अपना जवाब देने को कहा। लेकिन वर्मा ने बंद लिफ़ाफ़े में कोर्ट को जो जवाब सौंपे थे, उससे पहले ही उनके जवाब एक वेबसाइट पर लीक हो गए। इससे कोर्ट नाराज़ था और उसने सुनवाई आज के लिए टाल दी। कोर्ट सीबीआई के एक और अधिकारी एम. के. सिन्हा की अर्ज़ी के मीडिया में लीक होने से भी नाराज़ था।सनसनीखेज़ खुलासे
आपको बता दें कि आलोक वर्मा ने सीवीसी को दिए गए अपने जवाबों में विस्तार से बताया था कि किस तरह केंद्र सरकार भ्रष्टाचार के अभियुक्तों को सीबीआई में ऊँचे पदों पर नियुक्त करती है और उसका राजनीतिक इस्तेमाल करती है। उधर एम. के. सिन्हा ने मामले में हस्तक्षेप करते कोर्ट के सामने जो पिटिशन रखी थी, उसमें उन्होंने कई सनसनीखेज़ आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया था कि किस तरह जाँच के दौरान उन्हें एक साक्षी ने कहा था कि केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने दो करोड़ रुपये लेकर सीबीआई की जाँच रुकवा दी थी। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पर भी अस्थाना के ख़िलाफ़ चल रही जाँच में रुकावट डालने का आरोप लगाया था।मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस. के. कौल और जस्टिस के. एम. जोज़फ़ की खंडपीठ इस मामले में आगे की सुनवाई करेगी। लीक मामले के बाद वर्मा ने अपनी लीगल टीम में बदलाव किया है।