रफ़ाल विवाद: कोर्ट ने राहुल गाँधी को चेताया, भविष्य में रहें सतर्क
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के ‘चौकीदार चोर है’ के बयान को लेकर अदालत में दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुना दिया है। इस मामले में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ अवमानना की प्रक्रिया को बंद कर दिया है। लेकिन कोर्ट ने राहुल गाँधी को नसीहत देते हुए कहा है कि उन्हें भविष्य में सतर्क रहना चाहिए। कोर्ट ने राहुल को ऐसी बयानबाजी से बचने की भी नसीहत दी है। इस साल मई में 'चौकीदार चोर है' के बयान पर राहुल गाँधी ने माफ़ी माँग ली थी। इसके अलावा रफ़ाल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फ़ैसला सुनाते हुए पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
The Supreme Court says “Mr Rahul Gandhi needs to be more careful in future” for attributing to the court his remarks. https://t.co/MjG0POUVfj
— ANI (@ANI) November 14, 2019
राहुल गाँधी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यह साफ़ कर दिया है कि चौकीदार चोर है। इसी बात को लेकर यह सारा विवाद था। उन्होंने रफ़ाल सौदे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को उनके साथ बहस करने की चुनौती दी थी। अंग्रेजी अख़बार 'द हिन्दू' ने रफ़ाल से जुड़ी कई ख़बरें छापी थीं और इनमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले में फ़्रांस से समानांतर बातचीत कर रहा था। लेकिन केंद्र सरकार ने आरोप लगाया था कि ये ख़बरें चोरी के दस्तावेज़ पर आधारित हैं।
राहुल गाँधी ने आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह सरकार के समय फ़्रांस की दसॉ कंपनी से जो सौदा किया गया था उसमें एक विमान की क़ीमत 526 करोड़ रुपये बैठती थी लेकिन मोदी सरकार के सौदे के मुताबिक़ एक विमान की क़ीमत क़रीब 16 सौ करोड़ रुपये हो जाएगी।
राहुल गाँधी ने यह भी आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए सौदे में भारत द्वारा ख़रीदे जाने वाले कुल 126 विमानों में से 36 विमानों का निर्माण फ़्रांस में किया जाना था और बाक़ी विमान भारत में सरकारी क्षेत्र की कंपनी एचएएल में बनाये जाने थे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार की सिफ़ारिश पर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस समेत कई कंपनियों को ऑफ़सेट पार्टनर बनाया गया था।