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शराब की होम डिलीवरी के बारे में राज्य विचार करें: सुप्रीम कोर्ट 

शराब की होम डिलीवरी के बारे में राज्य विचार करें: सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यों को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए शराब की ऑनलाइन सेल या होम डिलीवरी के बारे में सोचना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने शराब की बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने शुक्रवार को कहा है कि वह इस बारे में कोई आदेश नहीं देगी और राज्यों को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए शराब की ऑनलाइन सेल या होम डिलीवरी के बारे में सोचना चाहिए। कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका का भी निपटारा कर दिया। याचिका में कहा गया था कि शराब की बिक्री से आम आदमी के जीवन पर असर पड़ रहा है। 

जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बी.आर.गवई की बेंच ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये इस मामले को सुना। 

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील दीपक साई ने कहा कि शराब की दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए। गुरुवार को एप बेस्ड फूड डिलीवरी कंपनी ज़ोमाटो ने कहा था कि वह शराब की घर तक बिक्री करने के बारे में योजना बना रही है। 

भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन का पहला चरण शुरू होने के दिन से ही शराब की दुकानें बंद हैं। शराब की दुकानों पर बेतहाशा भीड़ न उमड़े, इसके लिए दिल्ली सरकार ने राजधानी में ई-टोकन सिस्टम शुरू कर दिया है। 

लॉकडाउन 3.0 में जैसे ही शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई, राष्ट्रीय राजधानी के साथ देश भर में लोग शराब की दुकानों पर उमड़ पड़े थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग को फ़ॉलो किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

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