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आईसीयू में भर्ती होने के एक दिन बाद SC से मिली सत्येंद्र जैन को जमानत

आईसीयू में भर्ती होने के एक दिन बाद SC से मिली सत्येंद्र जैन को जमानत

आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को आख़िरकार अब सुप्रीम कोर्ट से तब राहत मिली है जब उन्हें एक दिन पहले आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। जानिए अदालत ने क्या कहा है। 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आप नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी के बाद पिछले साल मई से तिहाड़ जेल में बंद आप नेता को जेल के बाथरूम में फिसलने के बाद लोक नायक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

जमानत देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को मामले पर कोई बयान जारी नहीं करने का निर्देश दिया है। जैन फ़िलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। एक हफ्ते में यह दूसरी बार था जब सत्येंद्र जैन को चिकित्सा के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा। जेल अधिकारियों के मुताबिक, जेल के बाथरूम में गिरने के बाद सोमवार को सफदरजंग अस्पताल में उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट को लेकर जाँच की गई थी। 

दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जैन की जमानत याचिकाएँ पिछले एक साल से लगातार नामंजूर की की जाती रही थीं। पिछले महीने दिल्ली हाई कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि सत्येंद्र जैन मामले में सबूत के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं क्योंकि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। ट्रायल कोर्ट द्वारा जैन की जमानत की याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है और इसीलिए उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि सत्येंद्र जैन को जमानत देने से इनकार करने के निचली अदालत के आदेश में कुछ भी ग़लत नहीं है या उस फ़ैसले में कुछ भी कमी नहीं है।

सत्येंद्र जैन के ख़िलाफ़ सबसे पहले सीबीआई ने 24 अगस्त, 2017 में मामला दर्ज किया था। यह 1.68 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति का मामला था। इसके बाद इस मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। बाद में ईडी ने पिछले साल मई महीने में आप नेता को गिरफ़्तार किया था। 

सत्येंद्र जैन ने पहले कहा था कि उन्होंने जांच में प्रवर्तन निदेशालय के साथ सहयोग किया था। दिल्ली के पूर्व मंत्री ने यह भी कहा था कि ट्रायल कोर्ट के जज और ईडी ने पूरी तरह से आवास की दर्ज प्रविष्टियों के आधार पर अपराध की पहचान करके पीएमएलए यानी धन शोधन निवारण अधिनियम को ग़लत तरीक़े से पढ़ा और ग़लत तरीक़े से लागू किया है। उन्होंने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में कहा था कि आवास में दर्ज प्रविष्टियाँ पीएमएलए के तहत दंडनीय अपराध का कारण नहीं बन सकती हैं।

ईडी ने आरोप लगाया है कि कथित अपराध के समय मंत्री रहते सत्येंद्र जैन के 'लाभदायक स्वामित्व और नियंत्रण' वाली कंपनियों ने शेल कंपनियों से हवाला के ज़रिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को 4.81 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की थी।

सत्येंद्र जैन ने इस साल 1 मार्च को दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जैन दिल्ली के स्वास्थ्य और जेल मंत्री थे। हालाँकि, नवनियुक्त आप मंत्री आतिशी मारलेना ने कहा है कि जेल से रिहा होने के बाद वह अपना पद संभाल लेंगे।

सत्येंद्र जैन वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद थे। वह हाल में इसलिए सुर्खियों में रहे कि तिहाड़ जेल में आप नेता के मालिश करवाते हुए और सेल के अंदर शानदार भोजन करते हुए वीडियो सामने आये थे। इन वीडियो के सामने आने के बाद ईडी ने आरोप लगाया था कि जैन को जेल में विशेष सुविधाएँ दी जा रही हैं। 

जैन को जमानत का यह आदेश न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की अवकाश पीठ ने दिया। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने जैन को अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है। जमानत निचली अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों के अधीन होगी। पीठ ने कहा कि जैन किसी भी मुद्दे पर कोई बयान देने के लिए मीडिया के पास नहीं जाएंगे और वह गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे।

पीठ ने ईडी की इस आपत्ति को स्वीकार नहीं किया कि जैन का एम्स दिल्ली द्वारा स्वतंत्र रूप से मूल्यांकन किया जाना चाहिए। इसने कहा कि इस याचिका पर बाद में विचार किया जा सकता है। मामले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी, जब पीठ जैन की ताजा मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करेगी।

जैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह केवल चिकित्सा आधार पर जमानत मांग रहे हैं न कि गुण-दोष के आधार पर। उन्होंने दलील दी, 'मेरे पास बहुत मजबूत आधार हैं जिन्हें मैं आज ज़िक्र भी नहीं रहा हूं। मैं आज चिकित्सा आधार पर मांग कर रहा हूं। बाकी आप बाद में जांच कर सकते हैं।' 

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि जैन की एम्स या आरएमएल दिल्ली के विशेषज्ञों के एक निकाय द्वारा जांच की जानी चाहिए। एएसजी ने लोक नायक अस्पताल दिल्ली से मिले मेडिकल सर्टिफिकेट पर संदेह जताया, क्योंकि जैन पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री थे।

पीठ ने राजू से पूछा कि वह मेडिकल रिकॉर्ड पर भरोसा क्यों नहीं जता रहे हैं। इसके जवाब में राजू ने कहा कि जैन के पिछले आचरण ने संदेह पैदा किया। 

सिंघवी ने दलील में कहा कि एलएनजेपी अस्पताल तिहाड़ जेल के लिए अनिवार्य रेफरल अस्पताल है। उन्होंने कहा, 'इस आदमी को मस्कुलर एट्रोफी बीमारी हो गई है। वह एक कंकाल बन गया है। उनका 35 किलो वजन कम हो गया है'।

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