कश्मीर में हिरासत, प्रतिबंध से जुड़े आदेशों की जानकारी दे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध लगाने और हिरासत से जुड़े आदेशों की जानकारी देने के लिए कहा है।
Supreme Court asks the Centre to place on record before it all the orders relating to restriction, shutdown and detention in Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/kbNIhAFdMA
— ANI (@ANI) October 16, 2019
5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था और कई तरह के प्रतिबंध लगा दिये थे। हालांकि राज्य में बंद मोबाइल फ़ोन सेवाओं को सोमवार से खोल दिया गया है और 40 लाख पोस्टपेड मोबाइल फ़ोन चालू हो गये हैं जबकि 20 लाख प्रीपेड मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट सेवाओं को अभी निलंबित ही रखा गया है।
बीडीसी चुनाव का बहिष्कार
ख़बरों के मुताबिक़, राज्यपाल की ओर से घाटी में पर्यटकों की आवाजाही को खोलने के आदेश के बाद भी पर्यटक नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा बीडीसी चुनावों को लेकर भी राजनीतिक दलों के बीच कोई उत्साह नहीं है और बीजेपी को छोड़कर बाक़ी सभी राजनीतिक दलों ने घोषणा की है कि वे इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे।
केंद्र ने अनुच्छेद 370 हटाने के फ़ैसले से पहले राज्य में बड़ी संख्या में जवानों को तैनात कर दिया था। इसके बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों फ़ारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को हिरासत में ले लिया था और अभी तक ये तीनों प्रमुख नेता हिरासत में हैं।
सरकार को लिखे गये ख़त
इस बीच, देश भर से केंद्र सरकार को कश्मीर को लेकर लोगों ने खत लिखे। हाल ही में देश के 284 प्रबुद्ध नागरिकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ख़त लिख कर कहा था कि कश्मीर की स्थिति अस्वीकार्य है। ख़त पर दस्तख़त करने वालों में पत्रकार, अकादमिक जगत के लोग, राजनेता और समाज के दूसरे वर्गों के लोग शामिल हैं। ख़त में केरल हाई कोर्ट के उस फ़ैसले का भी हवाला दिया गया है, जिसमें इंटरनेट को मौलिक अधिकार माना गया है।
केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासान लगातार इस बात के दावे कर रहे हैं कि राज्य में हालात सामान्य हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया के साथ-साथ भारतीय मीडिया में आ रही ख़बरें बताती हैं कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर के दावे झूठे हैं। न्यूज़ 18 के मुताबिक़, सुरक्षा बलों के एक आतंरिक दस्तावेज़ से हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है। दस्तावेज़ से पता चला है कि कश्मीर में पिछले दो महीने में पत्थरबाज़ी की 306 घटनाएं हुई हैं।