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SC ने पूछा- दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लागू क्यों नहीं हुआ?

SC ने पूछा- दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लागू क्यों नहीं हुआ?

दिल्ली एनसीआर में दिवाली पर छोड़े गए पटाखों की वजह से वायु प्रदूषण बहुत बढ़ गया। दिल्ली के 40 निगरानी स्टेशनों में से अधिकांश में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही। जानिए, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर दिल्ली सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है। इसने कहा कि इसे मुश्किल से ही लागू किया गया। इस वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ख़राब हो गई। अदालत ने दिल्ली सरकार और पुलिस से पूछा कि दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लागू क्यों नहीं किया गया?

सुप्रीम कोर्ट ने आप सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा है। इसने इस साल प्रतिबंध को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ अगले साल प्रतिबंध को लागू करना सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित कदमों के बारे में बताने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पटाखों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो इससे अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कुछ सख्त कार्रवाई की ज़रूरत है, जैसे परिसरों को सील करना।' 

अदालत ने कहा, 'हमें कुछ ऐसा करने की ज़रूरत है ताकि अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के अदालती आदेशों का उल्लंघन न हो।' अदालत ने राज्य से यह भी कहा कि वह त्योहारों के समय तक सीमित रखे बिना दिल्ली में पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने पर विचार करे। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने पंजाब और हरियाणा से भी जवाब मांगा कि दिवाली के दौरान खेतों में आग लगने की घटनाएं कैसे बढ़ीं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी जवाब एक सप्ताह में दाखिल किए जाएं और मामले की सुनवाई 14 नवंबर को तय की।

एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अब तक के सबसे उच्च स्तर पर है, जो पिछले दो सालों से कहीं ज़्यादा है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया है जिसमें यह बताया जाए कि दिल्ली में पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने के लिए पुलिस ने क्या कदम उठाए हैं।

यह तब हुआ जब दिवाली के दौरान दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का खुलेआम उल्लंघन किया गया और अगले ही दिन राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छा गई। इससे कई इलाकों में हवा बेहद जहरीली हो गई।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च यानी एसएएफएआर के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दिवाली के अगले दिन शुक्रवार सुबह 6:30 बजे 359 तक पहुंच गया, जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। 0 और 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब, 401 और 450 के बीच गंभीर और 450 से ऊपर बेहद गंभीर माना जाता है।

दिवाली की पूर्व संध्या पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की थी कि राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए 377 टीमें बनाई गई हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि सभी पुलिस उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित टीमें बनाने के लिए कहा गया था कि उनके संबंधित जिलों में पटाखे न फोड़े जाएं। 

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