सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी, जज ने कहा- CBI गिरफ्तारी गलत
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सीबीआई की गिरफ्तारी शायद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले में केजरीवाल को जमानत देने को विफल करने के लिए ही थी।
-जस्टिस उज्ज्वल भुइयां, 13 सितंबर 2024 केजरीवाल को जमानत देते हुए सोर्सः मीडिया फीड
कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले में पहली बार गिरफ्तार होने के छह महीने बाद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। हालाँकि, सर्वसम्मति से जमानत देने के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट के दो जजों के बीच केजरीवाल की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी की वैधता पर मतभेद था। जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने कहा कि सीबीआई गिरफ्तारी गलत थी, जबकि जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि गिरफ्तारी लीगल थी। जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल को इस केस पर टिप्पणी करने से कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वो न तो किसी फाइल पर साइन करेंगे और न ही सीएम ऑफिस जाएंगे।
डी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले ही अंतरिम जमानत मिलने के बाद AAP प्रमुख अब जेल से बाहर आएंगे। आप नेताओं मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, विजय नायर और भारत राष्ट्र समिति की के. कविता के बाद केजरीवाल इस मामले में जेल से बाहर आने वाले चौथे हाई-प्रोफाइल नेता बन गए हैं।
जस्टिस सूर्यकांत ने स्वतंत्रता और त्वरित सुनवाई के मुद्दे को रेखांकित किया है। जस्टिस भुइयां ने भी दिल्ली के सीएम को नियमित जमानत देने के मुद्दे पर जस्टिस कांत से सहमति जताई है।
जस्टिस भुइयां ने दिल्ली के सीएम को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार करने के समय और तरीके पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ''असहयोग का मतलब आत्म-दोषारोपण नहीं हो सकता, और इसलिए, इस आधार पर सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी अस्वीकार्य थी।''
जस्टिस भुइयां ने कहा: “जमानत एक नियम है, और जेल एक अपवाद है। सभी अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अभियोजन और मुकदमे की प्रक्रिया अपने आप में सज़ा का रूप न बन जाए।”
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सीबीआई को यह तय करना चाहिए कि उसे 'पिंजरे में बंद तोता' होने की धारणा से बाहर निकलना होगा। इसे ऊपर होना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री के गोलमोल जवाबों का हवाला देते हुए सीबीआई गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत में रखना जारी नहीं रख सकती।
-जस्टिस उज्ज्वल भुइयां, सुप्रीम कोर्ट 13 सितंबर 2024 केजरीवाल को जमानत देते हुए सोर्सः मीडिया फीड
जस्टिस सूर्यकांत ने अपने फैसले में कहा कि मामले में तीन मुद्दे तय किए गए हैं। शराब नीति केस में प्रक्रियात्मक उल्लंघन के मुद्दे पर उन्होंने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को लेकर अरविंद केजरीवाल की दलीलों को खारिज कर दिया। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च, 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। 26 जून, 2024 को आप प्रमुख को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था, जब वह इसी मामले में ईडी की हिरासत में थे।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा है: -सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी कानूनी है। केजरीवाल को 10 लाख रुपये के जमानत बांड पर रिहा किया जाता है। दिल्ली के सीएम को सार्वजनिक रूप से मामले पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है। हालांकि, जस्टिस भुइयां केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जस्टिस सूर्यकांत से अलग राय रखी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम को केवल ईडी मामले में दी गई जमानत को विफल करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।