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अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगा वक़्फ़ बोर्ड

अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगा वक़्फ़ बोर्ड

बाबरी मसजिद-राम जन्मभूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दायर करने का फ़ैसला बदल दिया है। 

बाबरी मसजिद-राम जन्मभूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दायर करने का फ़ैसला बदल दिया है। बोर्ड ने कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा। लेकिन अब बोर्ड ने कहा है कि वह पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगा। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य अब्दुल रज़्जाक़ ख़ान ने कहा है कि बोर्ड की बैठक में बहुमत से यह फ़ैसला लिया गया है कि अयोध्या विवाद में पुनर्विचार याचिका नहीं दाख़िल की जाएगी। 

इसके अलावा देश भर की जानी-मानी 100 मुसलिम हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका दायर करने के बोर्ड के क़दम का विरोध किया था। इनमें शबाना आज़मी और नसीरुद्दीन शाह भी शामिल हैं। इनका कहना था कि इस मुद्दे को जिंदा रखने से मुसलिम समुदाय को फ़ायदा नहीं होगा। अयोध्या विवाद मामले में मुसलिम पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला उन्हें मंजूर है और देशभर के लोगों को इसका स्वागत करना चाहिए। इक़बाल अंसारी के पिता हाशिम अंसारी ने लंबे समय तक इस मामले में मुक़दमा लड़ा था। 

9 नवंबर को दिए अपने फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल रामलला को और मसजिद के लिए मुसलिम पक्ष को दूसरी जगह 5 एकड़ ज़मीन देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया था कि मंदिर निर्माण के लिए वह 3 महीने के भीतर ट्रस्ट बनाए। मंदिर के ट्रस्टी बोर्ड में निर्मोही अखाड़ा को उचित प्रतिनिधित्व देने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने अपने फ़ैसले में ज़मीन को तीन हिस्सों में बाँटने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले को भी ग़लत बताया था। 

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