पंजाब कांग्रेस में पहले से चल रहा अंदरुनी घमासान अभी शांत भी नहीं हुआ है कि पार्टी में एक और कलह ख़ड़ी हो गई लगती है। रविवार को नये मुख्यमंत्री की घोषणा के बीच ही पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कह दिया कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उनके इस बयान पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के दिन ऐसा बयान हैरान करने वाला है। इस बीच उनके भतीजे के पंजाब किसान आयोग से इस्तीफ़े की ख़बर भी है।
सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया, "मुख्यमंत्री के रूप में श्री चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण दिवस पर श्री रावत का यह कथन कि 'चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़े जाएंगे', चौंकाने वाला है। इससे मुख्यमंत्री के अधिकार कमजोर होने की संभावना है, और इससे उनके चयन का उद्देश्य भी खारिज हो जाता है।"
ये वही सुनील जाखड़ हैं जिनका नाम ऐसे लोगों में था जो मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर थे। पहले सूत्रों के हवाले से ख़बरें आई थीं कि प्रताप सिंह बाजवा और पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू के अलावा जाखड़ का नाम भी चल रहा था। हालाँकि रविवार को एकाएक सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आ गया था। लेकिन जब रविवार देर शाम को घोषणा हुई तो उसमें दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगी। तब कहा गया कि उन्हें सर्वसम्मति से नेता चुना गया है।
चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण को लेकर तैयारियाँ चल ही रही थीं कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत का बयान आ गया। उन्होंने एएनआई से कहा, 'हालाँकि यह (आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का चेहरा) कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा तय किया जाएगा, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल के साथ पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, जिसके प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू हैं, जो बहुत लोकप्रिय हैं।'
इसके साथ ही रावत ने यह भी कहा था कि कांग्रेस ने शनिवार को ही सर्वसम्मति से चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला ले लिया था।
जाखड़ के भतीजे का किसान आयोग से इस्तीफ़ा
इस बयान पर मचे बवाल के बीच ही सुनील जाखड़ के भतीजे अजयवीर जाखड़ ने पंजाब किसान आयोग के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।