मेरे पति को हमलावर सरेआम मारते रहे, कोई बचाने नहीं आया: सुल्ताना
हैदराबाद में नागराज नाम के शख्स की उसकी पत्नी के भाइयों के द्वारा सरेआम हत्या करने की घटना का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जोरदार ढंग से वायरल है। नागराज हिंदू समुदाय से थे जबकि उनकी पत्नी आशरीन सुल्ताना मुस्लिम हैं। दोनों ने कुछ महीने पहले ही प्रेम विवाह किया था और इस बात से आशरीन के घरवाले बेहद नाराज थे।
एएनआई से बातचीत में सुल्ताना ने कहा कि घटना वाले दिन अचानक उनके भाई आए और उनके पति को नीचे गिरा कर रॉड से मारने लगे।
सुल्ताना ने कहा कि उन्होंने उनसे पूछा कि वह नागराज को क्यों मार रहे हैं और तब तक उन्हें नहीं पता था कि हमलावर उनके भाई और रिश्तेदार ही हैं। सुल्ताना ने कहा कि हमलावरों ने नागराज के सिर पर लगातार चोट मारी और इस दौरान वह कई लोगों से मदद मांगती रही लेकिन कोई भी आगे नहीं आया।
सुल्ताना ने कहा कि नागराज के सिर पर हेलमेट था लेकिन हमलावर लगातार रॉड से हमला करते रहे और इस वजह से हेलमेट टूट गया और भेजा बाहर आ गया।
सुल्ताना कहती हैं कि उन्हें दूसरों से मदद नहीं मांगनी चाहिए थी और खुद ही नागराज को बचाने की कोशिश करनी थी। सुल्ताना कहती हैं कि उनसे यह सब बर्दाश्त नहीं हो रहा है और नागराज के बिना वह जीना नहीं चाहती।
सुल्ताना इस बात पर अफसोस जताती हैं कि उन्होंने लोगों से मदद मांगने में बेवजह समय खराब किया।
सुल्ताना एएनआई से कहती हैं कि वहां पर इतने लोग होने के बाद भी वे एक इंसान को नहीं बचा सके और जो लोग वहां थे वे इंसान ही नहीं हैं, उनके पास दिल ही नहीं है और हमलावरों ने बहुत बुरी तरीके से नागराज को मारा।
निश्चित रूप से इस घटना का जो वीडियो सामने आया है उससे लगता है कि अगर आसपास खड़े लोग नागराज को बचाने आते तो शायद उसकी जान बच सकती थी। घटना के दौरान सुल्ताना ने अपने भाई को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो सकी।
पुलिस ने इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है और मुख्य हमलावर की पहचान सुल्ताना के भाई के रूप में ही हुई है। यह घटना उस वक्त हुई थी जब नागराज और सुल्ताना रात को 9 बजे के वक्त हैदराबाद में कहीं जा रहे थे।
नागराज और सुल्ताना एक दूसरे को बीते 7 साल से जानते थे और इस साल जनवरी के महीने में हैदराबाद में आर्य समाज मंदिर में उन्होंने शादी की थी।
बीबीसी के मुताबिक, घरवालों की नाराजगी से बचने के लिए वे दोनों कुछ महीने के लिए विशाखापट्टनम चले गए थे और कुछ ही दिन पहले हैदराबाद लौटे थे क्योंकि उन्हें ऐसा लगा था कि अब खासकर सुल्ताना के परिजन इस शादी को लेकर आपत्ति नहीं करेंगे।
लेकिन वे गलत निकले और सुल्तान के भाई ने ही नागराज की हत्या कर दी।