उर्दू से भी नफ़रत? सुदर्शन टीवी रिपोर्टर की हरकतों से ट्रेंड हुआ हल्दीराम
हल्दीराम के स्नैक्स स्वाद के लिए जाने जाते रहे हैं, लेकिन आज यह सोशल मीडिया पर सुदर्शन टीवी की रिपोर्टर की वजह से ट्रेंड कर रहा है। मुद्दा बड़ा नहीं है। सिर्फ़ इतना ही है कि स्नैक्स के पैकेट पर सामान का डिस्क्रिप्शन हिंदी और अंग्रेज़ी के साथ 'उर्दू' में क्यों लिखा है? रिपोर्टर हल्दीराम के आउटलेट पर मौजूद स्टाफ़ से ऐसे ही सवाल करती हैं?
चौंकिए नहीं! भले ही पूरी दुनिया में लोग अधिक से अधिक भाषा सीखना चाहते हैं, हिंदी में ही उर्दू भाषा के शब्द भरे पड़े हैं, लेकिन वीडियो में तो लगता है कि उर्दू से ही नफ़रत हो! किसी भी सामान के पैकेट पर किसी भाषा में लिखा डिस्क्रिप्शन भी क्या ख़बर हो सकती है? यदि हो सकती है तो इसके लिए कैसे-कैसे सवाल पूछे जा सकते हैं?
हल्दीराम के इस मामले में टीवी रिपोर्टर के सवालों को लेकर सोशल मीडिया पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई है। इस मामले की सोशल मीडिया पर लोगों ने ख़ूब निंदा की है।
कुछ लोगों ने तो सुझाव दिया है कि पैकेट पर लिखी हुई भाषा अरबी है, उर्दू नहीं। उनका तर्क है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हल्दीराम को मध्य पूर्व में निर्यात किया जाता है। अब जाहिर है यदि किसी अरबी भाषी देश में सामान का निर्यात किया जाता है तो उस देश के लोगों को सामान के बारे में बताने के लिए उस देश की भाषा का ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
पत्रकार अलीशान जाफरी ने ट्वीट किया है, 'हल्दीराम स्टाफ का अद्भुत संयम। लेकिन सुदर्शन की 'शेरनी' को पता होना चाहिए कि यह अरबी है न कि उर्दू। हल्दीराम कई मुसलिम बहुल देशों को निर्यात करता है जो बिना किसी भेदभाव के भारतीय उत्पाद खरीदते हैं।'
Amazing restraint by the Haldiram staff. BTW, Sudarshan's ‘sherni’ should know that it's Arabic and not Urdu. Haldiram exports to muliple Muslim majority countries who buy Indian products without discrimination.pic.twitter.com/jic6ASOo15
— Alishan Jafri (@alishan_jafri) April 5, 2022
मोहम्मद वसीम नाम के यूज़र ने लिखा है, 'सुरेश चव्हाणके, आपको हल्दीराम ही नहीं, भारतीय मुद्रा का भी बहिष्कार करने की आवश्यकता है। क्योंकि प्रत्येक भारतीय मुद्रा में लिखी जाने वाली अंतिम भाषा 'उर्दू' है।'
Not only #Haldirams ,
— Mohammad Waseem (@wasiiyc) April 5, 2022
Suresh Chavhanke you need to boycott Indian currency too.
Bcoz the last language written in every Indian currency is 'Urdu' . pic.twitter.com/We0yI2uqRh
दूतीचंद नाम के यूज़र ने ट्वीट किया है कि 'सिर्फ़ हल्दीराम ही क्यों पतंजलि और चिप वाला 2000 का नोट भी बायकॉट करो।'
#BoycottPatanjali #Boycott Chip wala 2000 ka note ...
— Duttee Chand (@ChandDuttee) April 6, 2022
why only #Haldirams pic.twitter.com/WxHY5IoCkT
एक अन्य यूज़र ने भारतीय रेलवे के संकेतों की तसवीर को पोस्ट करते हुए लिखा है, 'क्या रिपोर्टर रेलवे के पास जाएगी और पूछेगी कि यह क्या है?'
Here is some Urdu text. Will this reporter go to the Railways and ask what it is about? #Haldirams pic.twitter.com/DGZ8KDUoXv
— Drama Prasad Mukherjee (@KSasiKL1987) April 5, 2022
वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने ट्वीट कर रिपोर्टर की ऐसी हरकत की आलोचना की है और हल्दीराम की कर्मचारी की तारीफ़ की है।
What a disgraceful execrable “reporter” — a thuggish goon. Kudos to #Haldirams staffer for showing a citizens push back to the morons of hatred https://t.co/XDYQpOVfkR
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) April 6, 2022
पुनीत कुमार सिंह ने लिखा है कि 'गुंडागर्दी पुलिस की मौजूदगी में हो रही है।'
हल्दीराम के आउटलेट में घुसकर सुदर्शन न्यूज़ की गुंडागर्दी.
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) April 5, 2022
यकीन मानिए ये सब पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है. #Haldirams pic.twitter.com/SLv47XHVi4
बता दें कि सुदर्शन टीवी कई बार कथित तौर पर नफ़रत फैलाने वाली ख़बरों को लेकर सुर्खियों में आ चुका है। एक बार तो सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जबरदस्त खिंचाई की थी। 2020 के सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘नौकरशाही जिहाद’ या ‘यूपीएससी जिहाद’ के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि ‘आप एक धर्म विशेष को टारगेट नहीं कर सकते।’ अदालत ने पहली नज़र में इस कार्यक्रम को मुसलिम समुदाय को अपमानित करने वाला पाया था।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि मीडिया ख़ासकर टीवी मीडिया में चल रहे कार्यक्रमों के दौरान धर्म और किसी ख़ास संप्रदाय को लेकर होने वाली बातचीत का एक दायरा क्यों नहीं होना चाहिए।
आख़िरकार केंद्र सरकार ने भी मान लिया था कि सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘नौकरशाही जिहाद’ या ‘यूपीएससी जिहाद’ से सांप्रदायिकता भड़क सकती थी।