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तेलगी, यलगार, भीमा कोरेगांव, मालेगांव केस से जुड़े रहे हैं जायसवाल

तेलगी, यलगार, भीमा कोरेगांव, मालेगांव केस से जुड़े रहे हैं जायसवाल

आईपीएस अफ़सर और अब तक सीआईएसएफ़ प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया है।

आईपीएस अफ़सर और अब तक सीआईएसएफ़ प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 2 साल का होगा। जायसवाल का रिटायरमेंट सितंबर, 2022 में होना है यानी वह इस पद पर दो साल का कार्यकाल पूरा कर सकेंगे। जायसवाल के सीबीआई निदेशक बनने का नोटिफ़िकेशन केंद्र सरकार ने मंगलवार शाम को जारी किया। 

जायसवाल महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के अफ़सर हैं। जायसवाल मुंबई पुलिस के कमिश्नर के अलावा महाराष्ट्र पुलिस के प्रमुख भी रहे हैं। जायसवाल ने सीबीआई में काम नहीं किया है हालांकि वह आईबी और रॉ में काम कर चुके हैं। 

जायसवाल तेलगी फर्जी स्टांप पेपर घोटाले से लेकर, मालेगांव बम धमाकों की जांच के मामलों से जुड़े रहे हैं। महाराष्ट्र में 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद जायसवाल को मुंबई पुलिस का कमिश्नर बनाया गया। जायसवाल के महाराष्ट्र के डीजीपी रहते हुए यलगार परिषद और भीमा कोरेगांव के मामलों की भी जांच पुलिस ने की थी। हालांकि बाद में इन मामलों को सीबीआई को ट्रांसफ़र कर दिया गया था। 

अघाडी सरकार के साथ खटपट

2019 में महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी की सरकार बनने के बाद इस तरह की ख़बरें आती रहीं कि जायसवाल और राज्य सरकार के संबंध ठीक नहीं हैं ख़ासकर शिव सेना के साथ। कई बार नए सीबीआई निदेशक जायसवाल ने अफ़सरों की लॉबीइंग की बात कहते हुए तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख से खुलकर नाराज़गी भी जताई थी। 

इससे पहले सीबीआई निदेशक के पद पर चयन करने वाली कमेटी में शामिल प्रधानमंत्री, सीजेआई और लोकसभा में विपक्ष के नेता की बैठक हुई थी। 

नियमों का हवाला

सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के मामले में सीजेआई एनवी रमना के द्वारा नियमों का हवाला देने के बाद जायसवाल की इस पद पर दावेदारी मजबूत हो गयी थी। 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, सीजेआई रमना ने इस अहम पद पर नियुक्ति के दौरान इस बात पर जोर दिया था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च, 2019 के प्रकाश सिंह वाले मामले में कहा था कि ऐसा कोई भी अफ़सर जिसके रिटायरमेंट में 6 महीने से कम का वक़्त बचा हो, उसे पुलिस का प्रमुख नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। 

मोदी-अस्थाना बाहर

लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीजेआई के इस बयान का समर्थन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि इस मामले में नियमों का पालन किया जाएगा। इसके साथ ही तीन दावेदारों में से दो - 1984 बैच के अफ़सर वाईसी मोदी और गुजरात कैडर के राकेश अस्थाना सीबीआई निदेशक की दौड़ से बाहर हो गए थे। 

क्योंकि वाईसी मोदी जो वर्तमान में एनआईए के प्रमुख हैं, वह इस महीने के अंत में रिटायर हो रहे हैं जबकि अस्थाना जो बीएसएफ़ के प्रमुख हैं, वह जुलाई में रिटायर होंगे। 

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