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भाजपा सांसद कठेरिया की सजा पर रोक, अब नहीं जाएगी सांसदी 

भाजपा सांसद कठेरिया की सजा पर रोक, अब नहीं जाएगी सांसदी 

इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को आगरा के जिला जज की अदालत से सोमवार को बड़ी राहत मिली है।

इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को आगरा के जिला जज की अदालत से सोमवार को बड़ी राहत मिली है। जिला अदालत ने एमपी-एमएलए कोर्ट आगरा के द्वारा उन्हें सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है। शनिवार को यहां के एमपी-एमएलए कोर्ट ने मारपीट के एक मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी।

इस फैसले के खिलाफ भाजपा सांसद ने सोमवार को जिला जज न्यायालय में अपील की थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस केस में कहा कि जब तक अपील का निपटारा नहीं हो जाता है तब तक उनकी सजा पर रोक रहेगी। कोर्ट से मिली इस राहत के भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को उनकी अपील पर जमानत भी मिल गई है। 

अब मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर 2023 को को होगी। सजा पर रोक लगने के कारण भाजपा सांसद की सांसदी जाने से खतरा भी टल गया है। अब फिलहाल उनकी संसद सदस्यता खत्म नहीं होगी। 

आगरा जिला कोर्ट से मिली राहत के बाद सांसद ने कहा कि मुझे अपील करने का अधिकार है। इसलिए आज जिला कोर्ट में अपील दायर की थी। मुझे पता था कि कोर्ट से मुझे न्याय मिलेगा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, जब केस दर्ज किया गया था तब भाजपा विरोधी सरकार थी। राजनीतिक साजिश के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। 

2011 के केस में सुनाई गई थी सजा 

भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया को एमपी-एमएलए कोर्ट आगरा ने शनिवार को दो वर्ष जेल की सजा सुनाई थी। 2011 में एक बिजली आपूर्ति कंपनी के कर्मचारियों पर हमला करने के केस में यह सजा उन्हें मिली थी। कठेरिया फिलहाल उत्तर प्रदेश के इटावा से भाजपा के सांसद हैं। 

लाइव लॉ वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को कोर्ट ने डॉ. रामशंकर कठेरिया को आईपीसी की धारा 147 (दंगा) और धारा 323 ( चोट पहुंचाना) के तहत दोषी ठहराया था। दो साल की सजा के साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी उनपर लगाया था। उन पर आगरा की टोरेंट पावर कंपनी के दफ्तर में तोड़फोड़ करने और उसके कर्मचारियों से मारपीट करने का आरोप था।

इस सजा के बाद कठेरिया को लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने की संभावना जताई जा रही थी। ऐसा इसलिए कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत, किसी भी अपराध के लिए दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधि को तत्काल अयोग्यता का सामना करना पड़ता है।

सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की खत्म हुई थी सदस्यता

करीब चार साल पुराने एक आपराधिक मानहानि केस में गुजरात की एक अदालत से दो साल की सजा मिलने बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई थी। तब अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी का संसद सदस्यता समाप्त होने की अधिसूचना जारी कर दी थी।

24 मार्च को जारी इस अधिसूचना में बताया गया था कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट के सांसद राहुल गांधी को सज़ा सुनाए जाने के दिन यानी 23 मार्च, 2023 से अयोग्य करार दिया जाता है। इसमें कहा गया था कि ऐसा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किया गया है। 

बाद में लंबी कानूनी लड़ाई को बाद शुक्रवार को राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट से सजा पर रोक के बाद सोमवार को उनकी संसद सदस्यता बहाल करने की अधिसूचना लोकसभा सचिवालय ने जारी कर दी है। अब फिर से राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य हैं। 

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