लाल क़िले पर निशान साहिब फहराने वाले जुगराज की गिरफ़्तारी पर रोक
गणतंत्र दिवस के दिन लाल क़िले पर सिखों के धार्मिक झंडा निशान साहिब फहराने के मामले में जुगराज सिंह को गिरफ़्तारी से तत्काल राहत मिल गई है।
दिल्ली की एक अदालत की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने अगली सुनवाई तक जुगराज की गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी है। लेकिन उन्होंने इसके साथ यह शर्त जोड़ दी है कि वे जाँच में पूरा सहयोग करेंगे।
पुलिस ने जुगराज सिंह पर आरोप लगाया है कि वे गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के तय रूट से अलग हट गए और उन्होंने उत्तेजित भीड़ की अगुआई की और लाल क़िले में दाखिल हो गए।
क्या है आरोप?
जुगराज पर यह आरोप भी है कि वे एएसआई-संरक्षित स्मारक के अंदर घुस गए, झंडा लगाने वाले स्तम्भ पर चढ़ गए, उस पर सिखों का धार्मिक झंडा लगा दिया और उसे फहरा दिया। एएसआई और दिल्ली पुलिस ने उन पर अलग-अलग मामले दायर कराए हैं।
जज ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट से मिली छूट का लाभ भी अभियुक्त को मिलेगा।
अदालत ने कहा, 'जाँच एजेंसी ने अभियुक्त की गिरफ़्तारी के लिए ईनाम घोषित कर रखा है, इसका मतलब यह नहीं कि आरोप पर कोई असर पड़ेगा।'
अदालत ने आगे कहा है, 'यह आरोप नहीं लगाया गया है कि अभियुक्त ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को चोट पहुँचाई या उन पर हमला किया, लेकिन उन्होंने लाल किले के अंदर लोगों को ग़ैरक़ानूनी ढंग से जमा होने से रोकने में पुलिस को व्यवधान पहुँचाया।'
जुगराज सिंह के वकील ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल ने न तो स्मारक को कोई नुक़सान पहुँचाया, न किसी सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुँचाई न ही राष्ट्र ध्वज का अपमान किया।
वकीलों ने यह भी कहा कि यह समझ से परे है कि निशान साहिब फहराने से देश के लोगों को शर्मिंदा क्यों और कैसे होना पड़ा है।
बता दें कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराने के मामले के मुख्य अभियुक्त दीप सिद्धू के बाद एक और अभियुक्त इक़बाल सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। इक़बाल सिंह की गिरफ़्तारी पंजाब के होशियारपुर से की गई थी।
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराए जाने की घटना के बाद से ही दीप सिद्धू फरार था।
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई थी और एक गुट ने तय वक़्त से पहले ही रैली निकाल दी थी। पुलिस ने बल का प्रयोग कर उन्हें रोकने की कोशिश की थी। इस दौरान आईटीओ पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी।
लाल किले के परिसर में कुछ लोग ट्रैक्टर लेकर घुस गए थे और वहां निशान साहिब फहरा दिया था। उस दौरान एक वीडियो में दीप सिद्धू को भी देखा गया था। इसके बाद से दीप सिद्धू फरार था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।