मणिपुर में बेकाबू होती हिंसा के बीच अब बीरेन सिंह सरकार को उसके गठबंधन के साथी ने झटका दिया है। कोनराड संगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी यानी एनपीपी ने रविवार को मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी ने इसके लिए राज्य में हिंसा का हवाला दिया है।
कोनराम संगमा ने रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को लिखे पत्र में कहा, 'नेशनल पीपुल्स पार्टी मणिपुर राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करना चाहती है। पिछले कुछ दिनों में, हमने स्थिति को और बिगड़ते देखा है, जहां कई और निर्दोष लोगों की जान चली गई है। राज्य के लोग भारी पीड़ा से गुज़र रहे हैं। हमें पक्का लगता है कि श्री बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है।'
पत्र में कहा गया है, 'मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह सरकार को अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।' बता दें कि 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में एनपीपी के सात विधायक हैं। कुछ विधायक पहले से ही नाराज़ चल रहे हैं। तो सवाल है कि क्या बीरेन सिंह के सामने अब सरकार बचाने की मुश्किल खड़ी हो गई है?
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनपीपी के एक विधायक ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'सरकार पहले से ही सात भाजपा कुकी विधायकों के साथ मतभेद में है। अब, सात एनपीपी विधायकों के बिना, उन्हें विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।'
कोनराड संगमा की पार्टी का यह फ़ैसला तब सामने आया है जब राज्य में ताज़ा हिंसा का दौर चल रहा है। ताज़ा हिंसा तब हुई जब शनिवार को एक महिला और दो बच्चों के शव जिरी नदी में तैरते पाए गए। माना जा रहा है कि ये तीन लोग सोमवार से जिरीबाम से लापता छह मैतेई लोगों के हैं। कुछ दिन पहले ही एक मुठभेड़ में 10 उग्रवादियों के मारे जाने के एक दिन बाद मंगलवार को 2 मैतेई लोग मृत पाए गए थे। इसके अलावा राहत शिविर से 6 लोग लापता थे। लापता लोगों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं।
ताज़ा हिंसा के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और राजनीतिक नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया।
शनिवार को दिन में भीड़ ने कई भाजपा नेताओं - बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह; खुरई विधायक एल सुसिद्रो, जो बीरेन सिंह सरकार में मंत्री भी हैं; उरीपोक विधायक के रघुमणि सिंह; पटसोई विधायक सपाम कुंजाकेश्वर; और थांगमेइबंद विधायक के जॉयकिसन सिंह - के साथ-साथ भाजपा के करीबी केशामथोंग से निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांता के घरों सहित वाहनों और संपत्तियों पर हमला किया और आग लगा दी।
शनिवार देर रात भीड़ ने इंफाल के हेइंगंग में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास पर भी हमला करने की कोशिश की, हालांकि उस समय वे वहां मौजूद नहीं थे। सुरक्षा बलों ने भीड़ को पीछे धकेल दिया, जिन्होंने खाली गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे। उनके आवास की ओर जाने वाले राजमार्ग पर जलते हुए टायर बिछाए गए।
जिरीबाम जिले में हिंसा की लहरें अब राजधानी इंफाल तक पहुंच गई हैं। इसके बाद प्रभावित क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट को बंद कर दिया गया।