+
गोटाबाया के इस्तीफे के बाद कौन होगा श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति?

गोटाबाया के इस्तीफे के बाद कौन होगा श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति?

बीते कई महीनों से लंबे पावर कट, दवाइयों, खाने पेट्रोल-डीजल सहित जरूरी चीजों की कमी से जूझ रहे श्रीलंका के लोगों को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो उन्हें जल्द से जल्द मुसीबतों से राहत दिला सके। जानिए, कौन से नेता राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हैं। 

आखिरकार गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे ही दिया। उनके इस्तीफे की मांग को लेकर श्रीलंका में लंबे वक्त से लोग सड़क पर थे और उन्होंने राष्ट्रपति आवास पर भी कब्जा कर लिया था। उनकी यही मांग थी कि गोटाबाया राजपक्षे राष्ट्रपति का पद छोड़ दें। लेकिन राजपक्षे इसके लिए तैयार नहीं हो रहे थे।

बहरहाल, श्रीलंका से भागकर मालदीव और फिर सिंगापुर पहुंचे राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दे दिया है। इस पड़ोसी मुल्क में अगला राष्ट्रपति कौन होगा, अब सभी की नजरें इस पर टिकी हुई हैं।

इस पद की दौड़ में श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगाया (एसजेबी) के सांसद और पूर्व सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सरथ फोंसेका, इसी पार्टी के नेता साजिथ प्रेमदासा का नाम आगे चल रहा है। 

 - Satya Hindi

इसके अलावा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और जनता विमुक्ति पेरामुना के अनुरा कुमारा दिसानायके भी इस पद की दौड़ में शामिल हैं। श्रीलंका की संसद 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव कर सकती है।

कौन हैं सरथ फोंसेका?

सरथ फोंसेका श्रीलंका के सबसे हाई प्रोफाइल सेना के पूर्व जनरल हैं और वह राजनीतिक कैदी बनने के बाद राजनेता बने हैं। सरथ फोंसेका ने कहा है कि अगर सांसद उनका चुनाव करते हैं तो वह राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार हैं। एक और राजनीतिक दल श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) ने उन्हें इस पद के लिए आगे आने का निमंत्रण दिया है।

 - Satya Hindi

सरथ फोंसेका

सरथ फोंसेका को लिट्टे के विद्रोहियों के खिलाफ सेना का नेतृत्व करने वाले हीरो के रूप में जाना जाता है। 2010 के राष्ट्रपति चुनाव में वह महिंदा राजपक्षे के खिलाफ चुनाव लड़े थे लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद महिंदा राजपक्षे ने सेना में खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें हिरासत में ले लिया था। उन्हें 30 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी और 2011 में अपने एक बयान के लिए उन्हें फिर से 3 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 

हालांकि इसके बाद श्रीलंका की हुकूमत में आई मैत्रीपाला सिरिसेना की सरकार ने फोंसेका को फील्ड मार्शल के सर्वोच्च सैन्य पद से सम्मानित किया था और उन्हें पिछली सजाओं से पूरी तरह बरी कर दिया था। 

साल 2006 में फोंसेका एलटीटीई के आत्मघाती हमलावर के द्वारा किए गए बम धमाके में बाल-बाल बच गए थे।

रानिल विक्रमसिंघे 

गोटाबाया राजपक्षे ने मुल्क छोड़ने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति के रूप में नामित किया था। रानिल विक्रमसिंघे 5 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और श्रीलंका में पिछले दौर में बने खराब हालातों का सामना करने का अनुभव उनके पास है।

 - Satya Hindi

रानिल विक्रमसिंघे

हालांकि रानिल विक्रमसिंघे को लेकर भी श्रीलंका के लोगों में काफी नाराजगी है और बीते दिनों प्रदर्शनकारियों ने उनके दफ्तर पर कब्जा कर लिया था। ऐसे में लगता है कि बाकी बचे उम्मीदवारों के बीच ही राष्ट्रपति बनने के लिए जंग होगी। 

इसके अलावा अनुरा कुमारा दिसानायके भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में है। उन्हें श्रीलंका में युवा राजनेता के तौर पर जाना जाता है। हाल ही में संसद में दिए गए भाषण में उन्होंने कहा था कि वह श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को 6 महीने के भीतर पटरी पर वापस ला सकते हैं।

साजिथ प्रेमदासा 

साजिथ प्रेमदासा को उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से अपना उम्मीदवार चुना है। प्रेमदासा कह चुके हैं कि वह श्रीलंका को बचाने के लिए और अपने मुल्क की इकनॉमी को खड़ा करने के लिए तैयार हैं। प्रेमदासा के पिता का नाम रणसिंघे प्रेमदासा था और वह 1978 से 1988 तक श्रीलंका के प्रधानमंत्री रहे थे और 1989 से 1993 तक यहां के राष्ट्रपति भी रहे। रणसिंघे की एलटीटीई के विद्रोहियों ने 1 मई 1993 को हत्या कर दी थी।

 - Satya Hindi

साजिथ प्रेमदासा

प्रेमदासा राजनीतिक परिवार से आते हैं और वह कम उम्र में ही राजनीति में आ गए थे। वह साल 2000 में हंबनटोटा क्षेत्र से रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी के टिकट पर सांसद बने थे। बीते कई सालों में वह सरकारों में अहम पदों पर रहे हैं और श्रीलंका में सभी को साथ लेकर चलने की बात करते हैं। वह नस्लवाद और अल्पसंख्यकों के अलगाववाद के खिलाफ भी आवाज उठाते रहे हैं।

साजिथ प्रेमदासा श्रीलंका के अकेले ऐसे नेता हैं जिन पर सरकारों में रहते हुए भी कभी कोई दाग नहीं लगा। वह अपने मजबूत फैसलों के लिए जाने जाते हैं। प्रेमदासा श्रीलंका के उन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने राष्ट्रपति की शासन प्रणाली को खत्म करने का आह्वान किया था।

क्रॉस वोटिंग की संभावना 

राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए संसद में 113 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 20 जुलाई को होगा। यह चुनाव सीक्रेट बैलेट के जरिए होगा और इसमें कोई भी राजनीतिक दल अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकता। ऐसे में यह अनुमान है कि राष्ट्रपति के चुनाव में बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हो सकती है। 

निश्चित रूप से कई महीनों से लंबे पावर कट, दवाइयों, खाने पेट्रोल-डीजल सहित जरूरी चीजों की कमी से जूझ रहे श्रीलंका के लोगों को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो उन्हें जल्द से जल्द मुसीबतों से राहत दिला सके।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें