संकट के समाधान का मौक़ा है, शांति में सहयोग करें लोग: श्रीलंका सेना प्रमुख
श्रीलंका के सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने रविवार को देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों के समर्थन का आह्वान किया। एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में बड़े पैमाने पर अब राजनीतिक संकट भी खड़ा हो गया लगता है। राष्ट्रपति आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है और प्रधानमंत्री के घर में आग लगा दी गई। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है।
इस संकट के बीच रविवार को चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट को शांतिपूर्ण तरीक़े से हल करने का अवसर मिला है। कोलंबो गैज़ेट न्यूज़ पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार जनरल सिल्वा ने श्रीलंकाई लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का सहयोग करने का अनुरोध किया।
शनिवार को राष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास के पास हुई हिंसा के बाद यह बयान जारी किया गया।
देश में हिंसक विरोध के एक दिन बाद शनिवार को हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया और कोलंबो में प्रधानमंत्री के घर में आग लगा दी। जब इन इमारतों पर हमला हुआ तब न तो राजपक्षे और न ही विक्रमसिंघे अपने घरों में थे।
शनिवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति के घर के अंदर एक फेसबुक लाइवस्ट्रीम में सैकड़ों प्रदर्शनकारी दिखे थे। वीडियो फुटेज में उनमें से कुछ को स्विमिंगपूल में नहाते देखा गया तो अन्य बिस्तर और सोफे पर बैठे दिखे। कुछ को किचेन में तो कुछ को संदूकें खोलते देखा गया।
देश भर से प्रदर्शनकारी बसों, ट्रेनों और ट्रकों में सवार होकर शनिवार को कोलंबो पहुंचे थे। वे आर्थिक तबाही से देश को बचाने में सरकार की विफलता पर रोष जता रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को 'घर जाना होगा' जैसे नारे लगाए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठी चार्ज किया। उन पर पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन वे पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।
प्रदर्शनकारियों की मांग के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अगले बुधवार को पद छोड़ देंगे। देश की संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने इसकी घोषणा की है। अभयवर्धने ने कहा, '13 जुलाई को पद छोड़ने का फ़ैसला शांतिपूर्ण तरीक़े से सत्ता का हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए किया गया। इसलिए मैं जनता से क़ानून का सम्मान करने और शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं।'
राष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ ही स्पीकर एक महीने तक राष्ट्रपति का कार्यभार संभालेंगे और इस दौरान वहाँ की संसद नये राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। इस बीच ख़बर है कि देश में अब सर्वदलीय सरकार बनाने की चर्चा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी है।