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स्पिन के जादूगर आर. अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा

स्पिन के जादूगर आर. अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा

भारत के टॉप स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। वो गुरुवार को भारत लौट रहे हैं।

भारत के जाने माने क्रिकेटर और ऑफ स्पिनर जादूगर रविचंद्रन अश्विन ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर अपने प्रशंसकों को चौंका दिया। टेस्ट मैचों में देश के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में मशहूर 38 साल के अश्विन ने ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा गाबा टेस्ट ड्रा होने के तुरंत बाद यह घोषणा की। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके 13 साल के लंबे करियर का अंत हो गया। 537 विकेटों के साथ, आर. अश्विन महान अनिल कुंबले के 619 विकेटों के बाद दूसरे स्थान पर हैं। वह गुरुवार को भारत वापस लौट रहे हैं।

अश्विन ने ब्रिस्बेन में तीसरा टेस्ट ड्रा होने के बाद कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फैसले की जानकारी दी। अश्विन ने पत्रकारों से कहा- "मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा। एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में आज (बुधवार) मेरे लिए आखिरी दिन है।" उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के रूप में मुझमें कुछ दम बाकी है, लेकिन मैं इसे तलाशना चाहूंगा और क्लब स्तर के क्रिकेट में इसका प्रदर्शन करना चाहूंगा। लेकिन ये मेरा आखिरी दिन होगा।... बहुत मजा आया। मेरी रोहित और अपने कई अन्य साथियों के साथ बहुत सारी यादें हैं। भले ही पिछले कुछ वर्षों में मैंने उनमें से कुछ को खो दिया है।"

इतना कहकर वो किसी भी सवाल का जवाब दिये बिना वहां से उठकर चले गए। अश्विन ने इससे पहले एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट खेला था और एक विकेट लिया था। अश्विन के जाने के बाद रोहित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "वह अपने फैसले को लेकर बहुत आश्वस्त थे। हमें उस पर कायम रहना चाहिए जो वह चाहते हैं।"

इस घोषणा से कुछ घंटे पहले उन्हें ड्रेसिंग रूम में स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के साथ एक भावनात्मक पल साझा करते देखा गया था।

अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से हटने के साथ ही अपने पीछे एक जबरदस्त विरासत छोड़ी है। उनकी जगह लेने वाले खिलाड़ियों को उनका रेकॉर्ड तोड़ना आसान नहीं होगा।  अश्विन कभी भारतीय गेंदबाजी के हमले की अगुआई करते थे। 2014 से 2019 तक चले टेस्ट क्रिकेट में भारत के शीर्ष पर पहुंचने और उसका प्रभुत्व कायम करने के पीछे अश्विन एक प्रमुख चेहरा थे। जब कोई उनके इस वर्चस्व को देखता है, तो उन्हें एक अद्भुत खिलाड़ी पाता है। उनकी विशेषज्ञता सिर्फ बॉल तक ही सीमित नहीं थी बल्कि बल्ले से भी उन्होंने तमाम बेहतरीन पारियां खेली हैं।

जब मैच सफेद बॉल में खेले जा रहे थे तो अश्विन ने 181 मैच खेले और 228 विकेट लिए। उन्होंने 116 वन डे मैच खेले और 33.20 की औसत से 156 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 25 रन देकर चार विकेट लेना था।  उन्होंने 63 पारियों में 65 रन की पारी और एक अर्धशतक के साथ 16.44 की औसत से 707 रन भी बनाए। वह भारत के लिए वनडे में 13वें सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।

65 टी20 मैचों में उन्होंने 23.22 की औसत से 72 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा आठ रन देकर चार विकेट लेना है। उन्होंने 19 पारियों में 26.28 की औसत से 184 रन भी बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 31 रहा। वह टी20 में भारत के लिए छठे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने भारत के लिए 2011 में 50 ओवर वाला विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती।

बीसीसीआई ने एक पोस्टर के साथ अश्विन को बधाई दी। बीसीसीआई ने एक्स पर लिखा-  निपुणता, जादूगरी, प्रतिभा और नवीनता का पर्याय एक नाम। ...मशहूर स्पिनर और Team India के अमूल्य ऑलराउंडर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। एक शानदार करियर के लिए बधाई अश्विनः

 

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