जोकोविच ऑस्ट्रेलिया में वीजा रद्द होने वाला केस हारे, वापस भेजे जाएँगे 

01:58 pm Jan 16, 2022 | सत्य ब्यूरो

दुनिया में टेनिस के नंबर वन खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को जबरदस्त झटका लगा है। वह ऑस्ट्रेलिया में वीजा को बहाल करने की क़ानूनी लड़ाई हार गए। ऑस्ट्रेलियाई अदालत के फ़ैसले के बाद उन्हें अब ऑस्ट्रेलिया से डिपोर्ट यानी वापस भेजा जाएगा। इसका मतलब है कि वह इस साल ऑस्ट्रेलियाई ओपन नहीं खेल सकते हैं। 9 बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीतने के बाद इस बार 10वीं बार इस खिताब को जीतने का उनका सपना अब टूट गया लगता है! दुनिया भर में अब तक 20 ग्रैंडस्लैम जीत चुके जोकोविच के पास रिकॉर्ड 21वाँ खिताब जीतने का मौक़ा था।

नोवाक जोकोविच के साथ यह सिर्फ़ इसलिए हुआ कि उन्होंने कोरोना के टीके नहीं लगवाए थे और इस वजह से उनका वीजा रद्द कर दिया गया था। उन्होंने कोरोना टीका से छूट मिलने वाले जो दस्तावेज़ पेश किये थे उसे ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने नहीं माना। इस फ़ैसले ने दुनिया भर के उनके प्रशंसकों को निराश किया है।

ऑस्ट्रेलिया वह देश है जहां टेनिस सबसे प्रिय खेलों में से एक है और जहाँ इस खेल के प्रति लोगों की दिवानगी असीम है। लेकिन इसके वावजूद यह साफ़ कर दिया गया कि सबके लिए क़ानून बराबर है और वह नोवाक जोकोविच पर भी लागू होता है।

ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन मंत्री एलेक्स हॉक के उनका वीजा रद्द करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच फेडरल कोर्ट गए थे। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने रविवार को जोकोविच की अपील को खोरिज कर दिया और इस तरह वह अपनी ऑस्ट्रेलियाई वीजा बहाल करने की क़ानूनी लड़ाई हार गए। 

निर्वासन आदेश में आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया लौटने पर तीन साल का प्रतिबंध भी शामिल होता है। लेकिन इस पर अभी तक साफ़ तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। यदि उनपर यह फ़ैसला लागू होता है तो फिर वह तीन साल तक ऑस्ट्रेलियाई ओपन नहीं खेल सकते हैं।

ऑस्ट्रेलियाई आव्रजन मंत्री हॉक ने इस आधार पर टेनिस स्टार का वीजा रद्द कर दिया था कि ऑस्ट्रेलिया में उनकी उपस्थिति से 'नागरिक अशांति' का ख़तरा हो सकता है क्योंकि वह टीकाकरण विरोधी भावना बढ़ाने वाले हैं।

बता दें कि जोकोविच विज्ञान और चिकित्सा के बारे में अपने गैर-परंपरागत विचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इसके बारे में खुलकर बातें भी रखी हैं। जोकोविच ने कई मौक़ों पर वैक्सीन मैनडेट यानी टीका को ज़रूरी किए जाने का विरोध किया था और कहा था कि टीकाकरण एक निजी और व्यक्तिगत निर्णय है जो अनिवार्य नहीं होना चाहिए। एक बार उन्होंने इस विचार के समर्थन में आवाज़ उठाई थी कि प्रार्थना और विश्वास जहरीले पानी को शुद्ध कर सकते हैं। 

फ़ोटो साभार: ट्विटर/नोवाक जोकोविच

ऑस्ट्रेलिया में नियम यह है कि किसी विदेशी को देश में आने पर कोरोना टीकाकरण का सबूत दिखाना होता है। यदि किसी ने टीकाकरण नहीं करवाया हो तो उसे इसका सबूत देना होता है कि उसे इस नियम से छूट दी गई है।

ऑस्ट्रेलिया ओपन स्पर्धा में भाग लेने के लिए जब सर्बियाई खिलाड़ी जोकोविच ने मेलबर्न के लिए उड़ान भरी थी तो उन्होंने पिछले हफ़्ते ही मंगलवार को घोषणा की थी कि उन्हें इस आवश्यकता से चिकित्सा छूट मिली है कि ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को टीका लगाए होना चाहिए। इसके बाद ही वह दुबई से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले विमान में सवार हुए थे।

जोकोविच को छूट विक्टोरिया राज्य सरकार और टेनिस ऑस्ट्रेलिया, टूर्नामेंट आयोजक द्वारा अनुमोदित किया गया था। इससे उन्हें यात्रा करने के लिए वीजा प्राप्त करने की अनुमति मिली।

जोकोविच को बिना टीकाकरण के देश में प्रवेश करने की अनुमति दिए जाने पर ऑस्ट्रेलिया में लोगों में रोष पैदा हो गया था। यह प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के लिए एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था।

इस बीच जैसे ही जोकोविच मेलबर्न हवाई अड्डे पर उतरे ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल ने उनको मिली छूट को खारिज कर दिया और उनका वीजा रद्द कर दिया था। खुद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी जोकोविच को देश से वापस जाने के लिए कह दिया था। लेकिन बाद में चुनौती दिए जाने पर एक अदालत ने उनके वीजा को रद्द करने वाले सरकारी आदेश को खारिज कर दिया था। लेकिन इस बीच ही आव्रजन मंत्री ने अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल कर उनका वीजा फिर से रद्द कर दिया था। इसी के ख़िलाफ़ जोकोविच फेडरल कोर्ट गए थे। अब फेडरल कोर्ट ने ही यह ताज़ा आदेश दिया है।