पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ अग्रणी रहे और इसी साल कांग्रेस से जुड़े पहलवान बजरंग पुनिया को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी ने चार साल के लिए निलंबित कर दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने डोप टेस्ट के लिए नमूना देने से इनकार कर परीक्षण के नियमों का उल्लंघन किया है।
निलंबन के कारण बजरंग इस अवधि के दौरान कुश्ती में भाग लेने और संभावित रूप से अंतरराष्ट्रीय कोचिंग की भूमिका निभाने से भी अयोग्य हो गए हैं। एडीडीपी ने साफ़ किया है कि 31 मई 2024 से 21 जून 2024 तक की अवधि के लिए अनंतिम निलंबन को हटाने के कारण इसको चार साल के निलंबन अवधि में नहीं जोड़ा जाएगा।
बजरंग ने तर्क दिया कि उनका इनकार जानबूझकर नहीं था, बल्कि नाडा की प्रक्रियाओं में विश्वास की कमी के कारण था। उन्होंने ऐसे उदाहरणों का हवाला दिया, जहाँ एक्सपायर हो चुकी टेस्टिंग किट मुहैया कराई गई थी। उन्होंने दावा किया, 'यह सीधे तौर पर इनकार नहीं था। एथलीट हमेशा अपना नमूना देने के लिए तैयार था, बशर्ते कि उसे पहले नाडा से एक्सपायर हो चुकी किट के इस्तेमाल के बारे में जवाब मिले।' बजरंग ने यह भी दावा किया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से स्थिति और बिगड़ गई। उन्होंने कहा कि उनके साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया गया।
बजरंग ने अपने लिखित सबमिशन में कहा कि पिछले दो मामलों में नाडा के आचरण ने एथलीट के मन में अविश्वास पैदा कर दिया था, खासकर जब नाडा ने दोनों ही मामलों में डोपिंग नियंत्रण प्रक्रिया के प्रति उनके उदासीन दृष्टिकोण को स्वीकार करने या यहां तक कि प्रतिक्रिया देने में विफल रहा। बजरंग ने कहा है कि इसका मतलब था कि एथलीट नैतिक रूप से एक वरिष्ठ एथलीट के रूप में रुख अपनाने के लिए बाध्य था, जो खेल समुदाय में अपनी आवाज रखता है।
बता दें कि राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी यानी नाडा ने मंगलवार को बजरंग पुनिया को राष्ट्रीय टीम के लिए चयन ट्रायल के दौरान 10 मार्च को डोप परीक्षण के लिए अपना नमूना देने से इनकार करने के लिए चार साल के लिए निलंबित कर दिया। नाडा ने पहलवान को इस अपराध के लिए सबसे पहले 23 अप्रैल को निलंबित किया था, इसके बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था।
बजरंग ने अनंतिम निलंबन के खिलाफ अपील की थी और नाडा के अनुशासनात्मक डोपिंग पैनल यानी एडीडीपी ने 31 मई को नाडा द्वारा आरोप का नोटिस जारी किए जाने तक इसे रद्द कर दिया था।
नाडा ने 23 जून 2024 को औपचारिक नोटिस दिया। बजरंग की लिखित दलीलों और 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को हुई सुनवाई के बाद एडीडीपी ने 23 अप्रैल 2024 से चार साल की अयोग्यता अवधि लागू करने का फैसला सुनाया।
नाडा ने कहा कि एथलीट की हरकतें जानबूझकर की गई थीं। इसने कहा कि डोप टेस्ट के लिए मूत्र का नमूना देने से एथलीट द्वारा किया गया साफ़ इनकार पूरी तरह सोच-समझकर और जानबूझकर किया गया था। इसने यह भी कहा कि इसके 2021 के नियमों में दर्ज एंटी-डोपिंग जिम्मेदारियों के प्रति उपेक्षा को दिखाया गया।
बजरंग पुनिया और विनेश फोगट उन पहलवानों में शामिल थे जिन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। बीजेपी नेता पर कई युवा जूनियर पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।