जय शाह आख़िरकार आईसीसी के अध्यक्ष चुन लिए गए। उनके विरोध में कोई खड़ा नहीं हो पाया। और इस तरह वह आईसीसी यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के नए चेयरमैन निर्विरोध बने। वह फ़िलहाल बीसीसीआई के वर्तमान मानद सचिव हैं।
जय शाह आईसीसी में ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे। नवंबर 2020 में दूसरे दौर के मतदान में 16 में से 11 वोट प्राप्त करने के बाद बार्कले को आईसीसी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। उन्होंने अन्य उम्मीदवार इमरान ख्वाजा को हराया था। लेकिन इस बार इस तरह के चुनाव की नौबत ही नहीं आई। बार्कले पहले ही स्थिति भाँप गए थे और अध्यक्ष पद से हटने की घोषणा कर दी थी।
20 अगस्त को यह घोषणा की गई कि मौजूदा आईसीसी अध्यक्ष ग्रेग बार्कले तीसरा कार्यकाल नहीं लेंगे और नवंबर में अपने कार्यकाल के समापन पर पद छोड़ देंगे। जय शाह आईसीसी के स्वतंत्र अध्यक्ष के रूप में 1 दिसंबर, 2024 को अपना पद ग्रहण करेंगे।
जय शाह जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर के बाद आईसीसी का नेतृत्व करने वाले भारत के पांचवें व्यक्ति होंगे। अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र नामित शाह ने क्रिकेट की वैश्विक पहुंच और लोकप्रियता का विस्तार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
आईसीसी के बयान के अनुसार जय शाह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष के रूप में नामांकन से मैं बहुत खुश हूं। उन्होंने कहा, 'मैं क्रिकेट को और अधिक वैश्विक बनाने के लिए आईसीसी टीम और हमारे सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हम एक ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं, जहां कई प्रारूपों के सह-अस्तित्व को संतुलित करना, उन्नत तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देना और हमारे प्रमुख आयोजनों को नए वैश्विक बाजारों में पेश करना बहुत महत्वपूर्ण है। हमारा लक्ष्य क्रिकेट को पहले से कहीं अधिक समावेशी और लोकप्रिय बनाना है।'
उन्होंने आगे कहा, 'हम पहले सीखे गए अहम सबक पर काम करेंगे, हमें दुनिया भर में क्रिकेट के प्रति प्यार को बढ़ाने के लिए नई सोच और नवाचार को भी अपनाना चाहिए। लॉस एंजिलिस 2028 ओलंपिक में हमारे खेल को शामिल करना क्रिकेट के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और मुझे विश्वास है कि यह खेल को अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ाएगा।'
बता दें कि जय शाह की क्रिकेट प्रशासक के रूप में यात्रा 2009 में शुरू हुई जब वह अहमदाबाद के केंद्रीय क्रिकेट बोर्ड के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य बने। सितंबर 2013 में उन्हें जीसीए का संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया। उन्होंने अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2015 में वह बीसीसीआई में शामिल हुए, वित्त और विपणन समितियों के सदस्य बने। बीसीसीआई के भीतर उनका प्रभाव बढ़ता गया और 2019 में उन्हें 31 वर्ष की आयु में बीसीसीआई का सबसे युवा सचिव चुना गया। अब वह आईसीसी की ज़िम्मेदारी संभालने वाले हैं।