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जांच का आदेश, पहलवान शांत हुए, लेकिन कब तक?

जांच का आदेश, पहलवान शांत हुए, लेकिन कब तक?

एक जांच कमेटी की घोषणा के बाद केंद्र सरकार आंदोलनकारी पहलवानों को मनाने में कामयाब हो गई है। पहलवानों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है। जांच होने तक विवादित ब्रजभूषण शरण सिंह कुश्ती महासंघ अध्यक्ष के कामकाज से दूर रहेंगे। जांच रिपोर्ट एक महीने में आने की उम्मीद है। ये सारी घोषणाएं शुक्रवार देर रात खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने की हैं।

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने शुक्रवार देर रात अपना आंदोलन खत्म करने की घोषणा की। सरकार ने पहलवानों को भरोसा दिया है कि जांच होने तक कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह संस्था से दूर रहेंगे। शुक्रवार देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच पूरी होने तक अपने पद से हट जाएंगे। जांच चार सप्ताह तक चलने की उम्मीद है। इस घोषणा के समय अनुराग ठाकुर के साथ आंदोलनकारी पहलवान बैठे हुए थे।

अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो पिछले सात घंटे से प्रदर्शनकारी पहलवानों के संपर्क में थे। इन सभी पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने आरोप पेश किए हैं। मंत्री ने डब्ल्यूएफआई से जुड़े मामले को देखने के लिए मंत्रालय की एक 'निगरानी समिति' गठित करने की घोषणा की। अनुराग ने जोर देकर कहा कि हमने जवाब मांगा है और रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी।

विरोध स्थगित

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक पहलवानों ने कहा है कि वे भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की रिपोर्ट आने तक विरोध नहीं करेंगे। समिति चार हफ्ते में अपनी जांच पूरी करेगी और तब तक ब्रजभूषण शरण सिंह जांच में सहयोग करते हुए अपनी जिम्मेदारियों से हटे रहेंगे।

भारतीय ओलिंपिक संघ ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की है। 

 - Satya Hindi

ब्रजभूषण शरण सिंह

ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पुनिया ने कहा - हमें यकीन है कि निष्पक्ष जांच होगी। पूर्व में भी खिलाड़ियों को डब्ल्यूएफआई प्रमुख से धमकियां मिल चुकी हैं।

बता दें कि विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और कई पहलवान कुश्ती महासंघ प्रमुख ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। फोगाट ने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करते रहे हैं। हालांकि सिंह ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा, यौन उत्पीड़न कभी नहीं हुआ। अगर एक भी एथलीट सामने आता है और यह साबित करता है, तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा।

छेड़छाड़ और उत्पीड़न के आरोपों पर सिंह के इस्तीफे की मांग करते हुए, खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि यूपी के लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोचों ने महिला पहलवानों का शोषण किया था।

नाटकीय घटनाक्रम शुक्रवार को सारा दिन चला। जब ओलिंपिक संघ ने कमेटी बनाकर जांच कराने और ब्रजभूषण शरण सिंह को तब तक दूर रखने का आश्वासन दिया, तब जाकर पहलवान शांत हुए। लेकिन बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के रसूख को देखते हुए यह जांच कितनी तटस्थ रहती है, यह समय पर पता चलेगा। ब्रजभूषण शरण सिंह के समर्थकों का दावा है कि उनके नेता को केंद्र सरकार के शीर्ष नेतृत्व का आशीर्वाद प्राप्त है, इसलिए उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

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