भाकियू में दोफाड़, राकेश टिकैत बोले- सरकार के इशारे पर हुआ
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) में एक बार फिर बिखराव हुआ है और संगठन के कुछ नेताओं ने अपना एक अलग गुट बना लिया है। इस गुट का नाम भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) रखा गया है। इस गुट की कमान भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे राजेश सिंह चौहान को सौंपी गई है।
रविवार को लखनऊ में इस नए संगठन की घोषणा की गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता रहे और राकेश टिकैत व नरेश टिकैत के पिता महेंद्र सिंह टिकैत की 11वीं पुण्यतिथि के मौके पर यह घटनाक्रम हुआ। इस मौके पर असंतुष्ट किसान नेताओं ने नरेश टिकैत व राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाए।
असंतुष्ट किसान नेताओं ने कहा कि टिकैत बंधु उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एक राजनीतिक दल की कठपुतली बन गए और उन्होंने स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत के आदर्शों से समझौता किया। इन नेताओं का इशारा राष्ट्रीय लोक दल की ओर था क्योंकि विधानसभा चुनाव में यह आरोप भाकियू पर लगा कि उसने राष्ट्रीय लोक दल का समर्थन किया है।
इसके जवाब में राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि किसान हितों पर कुठाराघात करते हुए कुछ लोगों ने भाकियू से अलग कथित संगठन बनाने की घोषणा की है। किसान हितों के विरोधी ऐसे तत्वों को तत्काल प्रभाव से बीकेयू से बर्खास्त किया गया है। इसमें राजेश सिंह चौहान, हरिनाम वर्मा सहित कुल 7 नेताओं के नाम हैं।
राकेश टिकैत ने कहा है कि उन्होंने नाराज किसान नेताओं को मनाने की कोशिश की थी लेकिन ऐसा लगता है कि उन पर ज्यादा दबाव था। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार के इशारे पर हुआ है और कुछ लोगों के जाने से संगठन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि वह पूरी तरह गैर राजनीतिक व्यक्ति हैं और उन्होंने चुनाव में किसी का भी समर्थन नहीं किया।
दूसरी ओर, राजेश सिंह चौहान का कहना है कि 13 महीने तक चले किसान आंदोलन के बाद जब हम लोग वापस अपने गांव में लौटे तो किसान नेता राकेश टिकैत राजनीतिक तौर पर प्रेरित दिखाई दिए। हमने उनसे कहा कि हम लोग अराजनीतिक लोग हैं और किसी राजनीतिक संगठन का सहयोग नहीं करेंगे।
राजेश सिंह चौहान के भाई भूपेंद्र सिंह समाजवादी पार्टी में रहे हैं। इससे पहले भी भारतीय किसान यूनियन में कई गुट बन चुके हैं।