राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ले ली है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को यह जानकारी दी। अदालत को इस मामले में आज ही सुनवाई करनी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को इसकी अनुमति दे दी है।
स्पीकर ने बाग़ी विधायकों को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा 24 जुलाई तक फ़ैसला न लेने के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस बी.आर.गवई और जस्टिस कृष्णा मुरारी की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही थी।
22 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजस्थान हाई कोर्ट में चल रही प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
सुनवाई के दौरान जस्टिस अरूण मिश्रा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा था, ‘जनता के द्वारा चुना हुआ व्यक्ति क्या अपने अंसतोष को व्यक्त नहीं कर सकता अंसुतष्ट लोगों की आवाज़ को नहीं दबाया जा सकता। लोकतंत्र में क्या किसी को इस तरह चुप कराया जा सकता है’
कोर्ट ने पूछा था कि किस आधार पर बाग़ी विधायकों को नोटिस भेजा गया, इस पर सिब्बल की ओर से कहा गया था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण ऐसा किया गया।
इससे पहले स्पीकर जोशी ने कहा था कि राजस्थान संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहा था और इसे टालने के लिए ही उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का रूख़ किया। स्पीकर जोशी ने आरोप लगाया था कि बाग़ी विधायक नियमों के साथ खिलवाड़ कर रहे थे और इस वजह से राजस्थान में संवैधानिक संकट पैदा हो सकता था।