अदालत की निगरानी में हो बुलंदशहर हिंसा की जाँच : विपक्ष
बुलंदशहर हिंसा पर कांग्रेस ने कहा है कि यह चुनाव से पहले ध्रुवीकरण कराने की कोशिश है। सपा ने कहा है कि योगी सरकार इस पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।
SatyaHindi.com पर बुलंदशहर की हिंसा का पर्दाफ़ाश करता हुआ विडियो आने के बाद राजनीतिक दलों की ओर से भी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। बता दें कि गोकशी की अफ़वाह के बाद सोमवार को बुलंदशहर में जमकर बवाल हुआ था जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक सुमित की मौत हो गई थी।
बवाल कराकर ध्रुवीकरण की कोशिश
कांग्रेस मुख्यालय से वरिष्ठ नेता शकील अहमद की टिप्पणी आई कि इस मामले में जाँच के लिए राज्य सरकार और पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मोदी जी के जो लोग हैं, उन्होंने मान लिया है कि अब वे चुनाव नहीं जीत सकते इसलिए बवाल कराकर समाज में ध्रुवीकरण कराने की कोशिश कर रहे हैं। उनके मुताबिक़ भाजपा-आरएसएस का यही चरित्र है। शकील अहमद ने माँग की कि बुलंदशहर में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिवार को न्याय दिया जाए और मामले की जाँच किसी जज की निगरानी में ही हो। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनकी पार्टी हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट तक जाने में गुरेज़ नहीं करेगी। शकील अहमद से की गई बातचीत आप नीचे सुन सकते हैं।साजिश पर पर्दा डाल रहे सीएम
बुलंदशहर हिंसा पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा है, 'मुख्यमंत्री योगी ने बवाल में मारे गए युवक को मुआवजा देने की बात कही पर उन्होंने दंगा रोकने में जान क़ुर्बान करने वाले इंस्पेक्टर पर अपने बयान में कुछ नहीं कहा। इसमें जिन संगठनों का नाम सामने आ रहा है, उन्होंने साज़िश के तहत इस घटना को अंजाम देने की कोशिश की। एक पुलिस अॉफ़िसर ने जान की बाज़ी लगा कर इस साज़िश को नाकाम कर दिया। लेकिन सीएम इस साज़िश पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।' घनश्याम तिवारी से की गई बातचीत आप नीचे सुन सकते हैं।बीजेपी के नेता अभी इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। शहीद सुबोध कुमार सिंह के पैतृक गाँव पहुँचे आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अफ़सोस जताया था कि सरकार समेत किसी भी दल का कोई वरिष्ठ नेता इस बहादुर पुलिस अधिकारी की निर्मम हत्या पर परिजनों से हमदर्दी प्रकट करने तक नहीं पहुँचा। उन्होंने सुबोध के परिजनों से दिल्ली के सीएम केजरीवाल की बात भी करवाई और उन्हें सांत्वना दी।