सपा-बसपा में सीट बँटवारे का मसला सुलझने लगा, बसपा के कई प्रभारी घोषित
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में सीटों का पेच सुलझने लगा है। यूपी की आरक्षित सीटों का बड़ा हिस्सा बसपा के खाते में गया है। लोकसभा की क़रीब दो दर्ज़न सीटों पर बसपा ने अपने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। सपा में भी सीटों को लेकर अंदरखाने काफी कुछ तय हो चुका है जिसका एलान एक-दो दिन में कर दिया जाएगा।
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लोकसभा की 17 आरक्षित सीटों में से 10 पर बसपा जबकि 7 पर सपा चुनाव लड़ेगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों में ज़्यादातर बसपा को दिए जाने पर भी सहमति बन चुकी है। बसपा ने बुधवार सुबह यूपी की कई लोकसभा सीटों पर प्रभारी तय कर दिए हैं। सामान्य तौर पर लोकसभा प्रभारी को ही बसपा चुनाव में प्रत्याशी बनाती है।
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राजधानी लखनऊ से लगी हुई मोहनलालगंज लोकसभा सीट से बसपा ने सी. एल. वर्मा को प्रभारी घोषित किया है। एक समय में बसपा के कद्दावर नेता रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी के निजी सचिव रहे सी. एल. वर्मा को मोहनलालगंज में कई बड़े पासी समाज के नेताओं को दरकिनार कर तरजीह दी गई है।
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बसपा के सूत्रों से मिली ख़बरों के मुताबिक़, मेरठ से याक़ूब क़ुरैशी, गौतमबुद्ध नगर से संजय भाटी, आगरा से मनोज सोनी, अकबरपुर से रामजी शुक्ल, मछलीशहर से टी. राम, ग़ाज़ीपुर से अफ़ज़ाल अंसारी, भदोही से रंगनाथ मिश्रा, मिश्रिख से विजय कुमार, सहारनपुर से हाज़ी फज़लुर्रहमान, अमरोहा से ज़ियाउद्दीन, बिज़नौर से इक़बाल अहमद, फतेहपुर सीकरी से सीमा उपाध्याय, अंबेडकर नगर से राकेश पांडेय को लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है।
उधर, मंगलवार रात को सपा मुखिया अखिलेश यादव की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं रामगोपाल यादव और आज़म ख़ान से सीटों के बंटवारे और प्रत्याशियों को लेकर गहन चर्चा हुई है। सपा नेताओं ने लोकसभा टिकट पाने से वंचित रह जाने वाले नेताओं को अन्य दलों में जाने से रोकने की रणनीति पर भी बात की है।
सपा नेताओं का कहना है कि सीटों को लेकर जहाँ दोनों दल एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर सकते हैं वहीं प्रत्याशियों की सूची अलग-अलग जारी करेंगे।