पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा चूक पर विवाद बढ़ा, सीएम चन्नी ने खेद जताकर तथ्य भी बताए
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को बठिंडा से लौटने और फिरोजपुर रैली रद्द पर खेद जताया। लेकिन तमाम तथ्यों का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि मोदी का सारा कार्यक्रम केंद्रीय एजेंसियों के पास था। प्रधानमंत्री को बठिंडा से हेलीकाप्टर के जरिए फिरोजपुर रैली के लिए जाना था लेकिन अचानक सड़क से उनके काफिले को ले जाने का प्रोग्राम बना। चन्नी ने कहा कि हमारे अफसरों ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को बता दिया था कि वहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। उधर से जाना ठीक नहीं होगा। प्रधानमंत्री को दूसरे रास्ते से ले जाया जा सकता है। लेकिन केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अफसर नहीं माने। सवाल यह है कि प्रधानमंत्री को फिरोजपुर हेलीकाप्टर से जाना था तो सड़क से क्यों ले जाने की कोशिश की गई।
प्रधानमंत्री को आज पंजाब के फिरोजपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करना था। लेकिन मोदी कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच सके और इस वजह से रैली रद्द कर दी गई। प्रधानमंत्री का काफिला 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुका रहा क्योंकि कुछ किसानों ने फ्लाईओवर पर जाम लगा दिया था। केंद्र सरकार ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है। गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री बठिंडा के एयरपोर्ट पर उतरे और उन्हें हुसैनीवाला में स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने जाना था। उन्हें हेलीकॉप्टर से जाना था लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक फंसा रहा। गृह मंत्रालय ने इस बारे में पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि इस चूक के मामले में जिम्मेदारी तय की जाए और कार्रवाई की जाए। अंत में प्रधानमंत्री बठिंडा एयरपोर्ट वापस लौट गए।
केंद्र के बयान और बीजेपी द्वारा मामले को तूल देने के बाद मुख्यमंत्री चन्नी ने शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर सफाई दी। चन्नी ने कहा -
हमने प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम से कहा था कि खराब मौसम और किसानों के प्रदर्शन की वजह से यह कार्यक्रम टाल दिया जाए। लेकिन उन लोगों ने हमारे सुझावों को नहीं माना। हमे बताया गया था कि फिरोजपुर और बठिंडा में तीन हेलीपैड पीएम का विमान उतरने के लिए बनाए गए हैं। किस हेलीपैड पर उतरना है, इसकी जानकारी हमारे पास नहीं थी। पीएम की सुरक्षा टीम के पास थी। लेकिन अचानक प्रोग्राम बदल दिया गया और प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से ले जाया जाने लगा।
चन्नी ने जोर देकर कहा कि प्रधानमत्री को किसी तरह का कोई खतरा नहीं था। हमारी पुलिस ने बेहतर इंतजाम किए थे। हमारे अफसर केंद्रीय एजेंसियों को हर मिनट सूचनाएं दे रहे थे। लेकिन प्रधानमंत्री कैसे जाएंगे, कहां से जाएंगे, इसकी सूचना हमारे पास नहीं थी। यह सूचना पीएम की सुरक्षा टीम के पास थी। फिर भी अगर पीएम की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो हम इसकी जांच कराएंगे। पंजाब सरकार तो खुद प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत को बेकरार थी। हमें उनसे कुछ मिलने की उम्मीद थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पीएम को रिसीव करने खुद जाना था। लेकिन मेरी टीम में कुछ लोगों को कोरोना होने के कारण मैं वहां नहीं गया। उन्होंने कहा कि पंजाब का किसान पिछले एक साल से आंदोलन कर रहा है। हमने रात में उन्हें मना लिया था कि वे पीएम के रास्ते से हट जाएं, ताकि उनके रास्ते में कोई बाधा नहीं आए। किसान मान गए और हट गए। लेकिन फिरोजपुर के कुछ प्रदर्शनकारी आज मुख्य मार्ग पर अचानकर आकर बैठ गए। मैं अपने किसानों को हटाने के लिए उनपर लाठी चार्ज नहीं करूंगा। चूंकि कोई सुरक्षा चूक नहीं हुई है, इसलिए किसी भी अफसर पर कोई कार्रवाई भी नहीं होगी।
“
पंजाब से मोदी की इस तरह वापसी पर राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पंजाब सरकार और कांग्रेस पर निशाना साधा है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 20 मिनट तक प्रधानमंत्री की जान खतरे में थी और कांग्रेस पूछ रही है, हाउ इज द जोश। उन्होंने कहा कि हमे पता है कि कांग्रेस मोदी जी से नफरत करती है, इसीलिए उसने प्रधानमंत्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरेन्दर सिंह ने कहा कि पीएम की सुरक्षा मे ंचूक की वजह से मुख्यमंत्री चन्नी को इस्तीफा दे देना चाहिए। कैप्टन ने कहा कि जहां यह घटना हुई, वहां से पाकिस्तान की सीमा दस किलोमीटर की दूरी पर है। मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री की सुरक्षा की गंभीरता को समझना चाहिए।