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‘फ़ेसबुक ने बीजेपी सांसद से जुड़े फ़ेक अकाउंट्स वाले नेटवर्क को नहीं हटाया’

‘फ़ेसबुक ने बीजेपी सांसद से जुड़े फ़ेक अकाउंट्स वाले नेटवर्क को नहीं हटाया’

फ़ेसबुक पर इससे पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। उस पर आरोप लगा था कि उसने बीजेपी के कहने पर कुछ लोगों के फ़ेसबुक पेज को अपने प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया।

लगातार विवादों में चल रहे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म फ़ेसबुक को लेकर उसकी एक पूर्व एम्प्लॉयी सोफ़ी झांग ने बड़ा खुलासा किया है। झांग ने कहा है कि फ़ेसबुक ने बीजेपी सांसद से जुड़े फ़ेक अकाउंट्स वाले नेटवर्क को नहीं हटाया। जबकि उसने चुनाव को प्रभावित करने वाले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के फ़ेक अकाउंट्स के नेटवर्क के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी। ये नेटवर्क दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान फ़ेसबुक के सामने आए थे। 

सोफ़ी झांग इन दिनों बतौर व्हिसल ब्लोअर काम कर रही हैं। झांग ने कहा कि उन्हें फ़ेक अकाउंट्स वाले इन नेटवर्क के बारे में 2019 के आख़िर में पता चला था। 

झांग ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा कि पहले उन्हें फ़ेक अकाउंट्स वाले इन चार नेटवर्क के बारे में पता चला। इनमें से दो बीजेपी के समर्थन वाले थे जबकि दो कांग्रेस के। इनमें से तीन नेटवर्क (दो कांग्रेस और एक बीजेपी) को हमने हटा दिया। 

सोफ़ी ने कहा कि वे लोग चौथे नेटवर्क को हटाने ही वाले थे लेकिन वे रुक गए क्योंकि उन्हें पता चला कि यह नेटवर्क बीजेपी के एक सांसद द्वारा चलाया जा रहा था। सोफ़ी ने कहा कि इसलिए वह इस पर कार्रवाई नहीं कर सकती थीं। 

उन्होंने कहा कि इस बारे में कई बार बताए जाने के बाद भी फ़ेसबुक ने इस नेटवर्क को किसी तरह की कोई दिक़्कत मानने से इनकार कर दिया। झांग ने कहा कि इसके एक महीने के बाद जनवरी, 2020 में फ़ेक अकाउंट्स वाला एक और नेटवर्क उनके सामने आया। इस नेटवर्क में भी हज़ारों अकाउंट्स थे। यह आम आदमी पार्टी से जुड़ा था। 

इस नेटवर्क के अकाउंट्स में फर्जीवाड़ा कर यह बताया गया था कि कुछ लोग बीजेपी के समर्थक थे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट दिया था लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में वे आम आदमी पार्टी के समर्थन में हैं। 

सोफ़ी झांग ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा कि इस पांचवे नेटवर्क को जनवरी के अंत में हटा दिया गया था। 

सोफ़ी झांग के कहने का मतलब साफ है कि बीजेपी सांसद के द्वारा चलाए जा रहे फ़ेक अकाउंट्स वाले एक नेटवर्क को वह नहीं हटा सकीं।

अलग-अलग नियम क्यों? 

झांग ने कहा कि लोकतंत्र इस तरह नहीं चल सकता कि ताक़तवर लोगों के लिए आपके नियम अलग हों जबकि बाक़ी लोगों के लिए अलग। उन्होंने एनडीटीवी से यह भी कहा कि फ़ेसबुक का इस्तेमाल राजनीतिक गड़बड़ियां करने के लिए किया जाता है। 

फ़ेसबुक का जवाब 

हालांकि फ़ेसबुक ने झांग के द्वारा कही गई बातों को नज़रअंदाज कर दिया। फ़ेसबुक का कहना है कि उसने ग़लत बर्ताव करने वाले 150 से ज़्यादा नेटवर्क को हटा दिया है। हालांकि फ़ेसबुक ने बीजेपी सांसद के द्वारा चलाए जा रहे नेटवर्क को नहीं हटाने के सोफ़ी झांग के दावे के बारे में कुछ साफ़-साफ़ नहीं कहा। 

मुसलिम विरोधी प्रचार 

फ़ेसबुक पर कुछ ही दिन पहले उनकी एक और पूर्व एम्प्लॉयी फ्रांसिस हॉजन ने बेहद गंभीर आरोप लगाए थे। हॉजन ने कहा था कि फ़ेसबुक को भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े संगठनों, समूहों और लोगों की ओर से मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाली सामग्री इस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर डाले जाने की जानकारी थी। लेकिन उसने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

फ़ेसबुक पर इससे पहले भी आरोप लगे थे कि उसने बीजेपी नेताओं की हेट स्पीच को अपने प्लेटफ़ॉर्म से नहीं हटाया और बीजेपी के कहने पर कुछ लोगों के फ़ेसबुक पेज को हटा दिया।

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