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सोनिया ने 5 राज्यों में हार पर रिपोर्ट मांगी, लेकिन पिछली रिपोर्टों का क्या हुआ, कोई नहीं जानता

सोनिया ने 5 राज्यों में हार पर रिपोर्ट मांगी, लेकिन पिछली रिपोर्टों का क्या हुआ, कोई नहीं जानता

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांच चुनावी राज्यों में पार्टी के पांच नेताओं को नियुक्त करते हुए हार के कारणों पर रिपोर्ट मांगी है लेकिन ऐसी हार की समीक्षा पहले भी हुई है। उन रिपोर्टों पर कितना अमल हुआ, कोई नहीं जानता।

कांग्रेस में तमाम रस्साकशी के बीच पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन पांच राज्यों में हार का पता लगाने का फैसला किया है, जहां के चुनाव नतीजे हाल ही में आए हैं। उन्होंने उन पांच राज्यों में पांच नेताओं को भेजते हुए उनसे वहां की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। हालांकि ऐसी हर हार के बाद कांग्रेस में किसी न किसी नेता को उस राज्य में भेजकर रिपोर्ट मांगी जाती है, लेकिन उन पर कितना अमल होता है, उसे कोई नहीं जानता।

कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल से कहा गया है कि वो गोवा, जयराम रमेश मणिपुर, अजय माकन पंजाब में हार का अध्ययन करें। इसी तरह कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह को यूपी और अविनाश पांडेय से उत्तराखंड की रिपोर्ट मांगी गई है। कांग्रेस ने यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सबसे खराब प्रदर्शन किया और पंजाब में वो सरकार गवां बैठी।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने इस हार के बाद अपनी बैठक में रविवार को सोनिया गांधी को जरूरी बदलाव करने के लिए अधिकृत किया। इसके बाद सोनिया ने मंगलवार को यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफे मांग लिए थे।

हालांकि, पार्टी ने अभी तक उन वरिष्ठ नेताओं पर फैसला नहीं लिया है, जिन्हें चुनाव वाले राज्यों के लिए प्रभारी बनाया गया था, जिसमें प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल थीं, जो उत्तर प्रदेश की प्रभारी थीं। यूपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू जिस सीट (तमकुहीराज) से चुनाव लड़े, उस पर तीसरे नंबर पर रहे थे।

पंजाब अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्व सीट हार गए थे। गुट-ग्रस्त उत्तराखंड कांग्रेस का नेतृत्व गणेश गोदियाल कर रहे थे, जबकि मणिपुर में नामिरकपम लोकेन सिंह पार्टी के प्रमुख थे। अब इन सभी के इस्तीफे हो चुके हैं।

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