तेल के बढ़े दाम पर सोनिया की मोदी को चिट्ठी, कहा- लोगों से मुनाफ़ा वसूलना छोड़ें
देश में डीजल और पेट्रोल के लगातार दाम बढ़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी के संकट में जब लोगों की हालत ख़राब है तो सरकार उन लोगों से मुनाफ़ा कमाने में लगी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी लिखी है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि पिछले एक हफ़्ते से लगातार तेल की क़ीमतें बढ़ाए जाने के पीछे का कोई कारण वह समझ नहीं पा रही हैं। सोनिया गाँधी की इस चिट्ठी को कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है।
Congress President Smt. Sonia Gandhi writes to the Prime Minister urging the govt to immediately roll back hikes on fuel prices & pass the benefit of low crude oil prices to the citizens. pic.twitter.com/NQstx7v5Ac
— Congress (@INCIndia) June 16, 2020
ट्वीट में लिखा गया है कि सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि तेल की बढ़ी हुई क़ीमतें तुरंत कम की जाएँ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में आई कमी का लाभ नागरिकों को दिया जाए।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में कमी आने के बावजूद देश में आज लगातार दसवें दिन पेट्रोल-डीजल की क़ीमतें बढ़ीं। दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल का दाम बढ़कर 76.73 रुपये प्रति लीटर हो गया और डीजल का दाम 75.19 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गया है। मुंबई में अब पेट्रोल 83.62 रुपये प्रति लीटर और डीजल 73.75 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, चेन्नई में पेट्रोल 80.37, डीजल 73.17, कोलकाता में पेट्रोल 78.55 और डीजल 70.84 रुपये प्रति लीटर पहुँच गया।
सोमवार को कच्चे तेल की क़ीमत इंटरनेशनल मार्केट में क़रीब 2 फ़ीसदी से ज़्यादा गिर गई। इससे कच्चा तेल 35 डॉलर प्रति बैरल के क़रीब आ गया है। वहीं ब्रेंट क्रूड भी 1.7 फ़ीसदी गिरकर 38.07 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गया है।
इन्हीं गिरावटों की तरफ़ संकेत कर सोनिया ने चिट्ठी में लिखा है, 'मुझे इसमें कोई तर्क नहीं दिखाई देता है कि सरकार ऐसे समय में इतनी क़ीमत वृद्धि पर विचार क्यों करेगी जब कोविड-19 का आर्थिक प्रभाव लाखों लोगों को नौकरियों और आजीविका से वंचित कर रहा हो, व्यवसाय को तबाह कर रहा हो, मध्यम वर्ग की आय को तेज़ी से घटा रहा हो, यहाँ तक कि किसान खरीफ सीजन की फ़सल बोने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।' सोनिया ने लिखा,
“
यह देखते हुए कि पिछले सप्ताह की तुलना में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय क़ीमत में लगभग नौ प्रतिशत की गिरावट आई है, सरकार अपने लोगों से मुनाफ़ा कमाने में कोई कमी नहीं कर रही है, जबकि उनकी स्थिति ख़राब है।
सोनिया गाँधी
कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ़-साफ़ लिखा कि सरकार क़ीमतें बढ़ाने की ग़लत सलाह पर क़रीब 2,60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने लिखा कि लोगों पर एक अतिरिक्त बोझ डालना न तो तर्कसंगत है और न ही उचित।
सोनिया ने कहा कि पिछले छह वर्षों में तेल की क़ीमतों के ऐतिहासिक रूप से कम होने के बावजूद 12 अलग-अलग अवसरों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि से सरकार का राजस्व 'बड़े पैमाने पर बढ़ा' है।