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कोरोना से जुड़ी समस्याओं पर सोनिया अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर

कोरोना से जुड़ी समस्याओं पर सोनिया अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर

इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कोरोना संक्रमित पाई गई थीं, लेकिन अब उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। जानिए कांग्रेस ने क्या कहा।

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को कोरोना से जुड़ी समस्याओं की वजह से दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि उनकी हालत स्थिर है। 

सुरजेवाला ने कहा है, 'कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को आज कोविड से जुड़ी समस्याओं के कारण गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह स्थिर हैं और उन्हें अस्पताल में निगरानी के लिए रखा जाएगा। हम सभी कांग्रेसी पुरुषों और महिलाओं के साथ-साथ सभी शुभचिंतकों को उनकी चिंताओं और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देते हैं।'

सोनिया गांधी के 2 जून को कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उनके साथ एक बैठक में शामिल कांग्रेस के कुछ और नेताओं की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कोरोना संक्रमित होने के बाद सोनिया ने खुद को आइसोलेट कर लिया था। 

इससे एक दिन पहले यानी 1 जून को ईडी ने सोनिया गांधी व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को समन भेजा था। दोनों नेताओं को नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में यह समन भेजा गया था।

सोनिया गांधी को ईडी के सामने 8 जून को बुलाया गया था। हालाँकि कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें अब नया समन जारी किया गया है और 23 जून को बुलाया गया है।

राहुल गांधी को 2 जून को पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन राहुल गांधी विदेश में थे। अब राहुल लौट आए हैं और इसलिए उनको ईडी ने नया समन जारी किया है। अब उन्हें 13 जून को बुलाया गया है।

ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में अप्रैल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से भी नई दिल्ली में पूछताछ की थी। 

बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था।

स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयकर विभाग से यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था। इस मामले में ईडी ने भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नया केस दर्ज किया था।

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल को 1937 में शुरू किया था। नुकसान होने के बाद 2011 में इसके स्वामित्व को यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया था। यंग इंडिया लिमिटेड का गठन 2010 में किया गया था और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस के एक नेता निदेशक थे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फ़ीसदी शेयर थे और 24 फ़ीसदी शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थे।

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