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बेटे की पीट-पीट कर हत्या, पिता क्यों हुआ आत्महत्या को मजबूर?

बेटे की पीट-पीट कर हत्या, पिता क्यों हुआ आत्महत्या को मजबूर?

पहले बेटे की पीट-पीट कर हत्या की गई थी, अब उनके पिता ने कथित रूप से धमकियाँ मिलने के बाद आत्महत्या कर ली। क्या यह सामान्य बात है?

पहले बेटे की पीट-पीट कर हत्या की गई थी, अब उनके पिता ने कथित रूप से धमकियाँ मिलने के बाद आत्महत्या कर ली। मामला अलवर के भिवाड़ी का है। पिछले महीने एक महिला से मोटरसाइकिल टकराने के बाद हरीश जाटव नाम के शख्श की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस पर उसके पिता रतीराम ने एफ़आईआर दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि इसी मामले में उनको धमकियाँ मिल रही थीं। हालाँकि इस मामले में धमकी को लेकर पुलिस की कोई सफ़ाई नहीं आई है, लेकिन इतना ज़रूर कहा गया है कि जाँच की जा रही है। यह सामान्य तौर पर देखा गया है कि लिन्चिंग के अधिकतर मामलों में या तो धमकियाँ मिलती हैं या केस इतना कमज़ोर हो जाता है कि फ़ैसले प्रभावित होते हैं। न्याय नहीं मिलने से ऐसे परिवारों को एक अंतहीन पीड़ा से गुजरना पड़ता है।

अलवर में ही गो तस्करी के शक में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाले गए हरियाणा के नूँह के निवासी पहलू ख़ान का परिवार भी कुछ ऐसी ही पीड़ा से गुज़र रहा है। पहलू ख़ान को सरेआम पीट-पीट कर मार दिया गया था और इसका वीडियो भी बना। पहलू ने तो मौत से पहले पीटने वालों के नाम भी बताए थे, लेकिन जिन 6 लोगों को आरोपी बनाया गया थे वे सभी बरी हो गए। फ़ैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जिन वीडियो और तसवीरों के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई थी उनको रिकॉर्ड पर ही नहीं लिया गया। कोर्ट ने पुलिस की जाँच में गंभीर ख़ामियाँ पाईं।

हरीश जाटव के परिवार के साथ जो हुआ और कथित रूप से धमकियाँ मिलने के जिस तरह के आरोप लग रहे हैं उसमें भी पुलिस एक अहम किरदार है। सवाल उठता है कि क्या पुलिस ने सक्रियता से काम किया हालाँकि मीडिया से बातचीत में अलवर के एसपी परिस देशमुख ने कहा है, ‘उनको मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। मामले की जाँच की जा रही है।’ बता दें कि पहले अलवर के एसपी ने मीडिया से बातचीत में मॉब लिंचिंग की बात से इनकार किया था। हालाँकि पोस्टमॉर्टम में सामने आया कि हरीश की मौत सिर में चोट लगने से हुई है।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पिछले महीने मोटरसाइकल से कहीं जा रहे हरीश जाटव ने एक महिला को टक्कर मार दी थी। इसके बाद भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी थी। बाद में वह फलसा गाँव में अचेत अवस्था में पड़े मिले थे। दो दिन बाद हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जब हरीश के पिता ने फलसा गाँव के कुछ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई तो दूसरे पक्ष की ओर से महिला को बाइक से टक्कर मारने का केस दर्ज कराया गया था।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि हरीश के पिता ने कथित तौर पर धमकी मिलने के बाद आत्महत्या की है। रिपोर्टों में कहा गया है कि रतीराम जाटव ने गुरुवार शाम को कथित तौर पर ज़हर खा लिया था। अब इसमें पुलिस या दूसरे पक्ष चाहे जो भी दावे करें, लेकिन यह सवाल तो उठता ही है कि बेटे की हत्या के एक महीने बाद पिता की मौत होना क्या सामान्य बात है ऐसे में आत्महत्या की बात से संदेह तो और ज़्यादा बढ़ता ही है।

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