ऑडियो टेप: मानेसर पहुंची एसओजी टीम, बाग़ी भंवर लाल शर्मा के न मिलने पर लौटी
कथित ऑडियो टेप के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार खासी सक्रिय हो गई है। इन ऑडियो टेप की जांच कर रही राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम शुक्रवार शाम को मानेसर के आईटीसी ग्रैंड भारत रिजॉर्ट पहुंच गई है। इस रिजॉर्ट में बाग़ी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के विधायक रुके हुए हैं। एसओजी की टीम कथित ऑडियो टेप के मामले में कांग्रेस के बाग़ी विधायक भंवर लाल शर्मा से पूछताछ करना चाहती थी। लेकिन शर्मा रिजॉर्ट में नहीं मिले, इसलिए टीम खाली हाथ लौट गयी।
एसओजी टीम के रिजॉर्ट पहुंचते ही हरियाणा पुलिस एक्शन में आ गई। शुरुआत में हरियाणा पुलिस ने एसओजी की टीम को रिजॉर्ट के अंदर नहीं जाने दिया और डीएसपी ने एसओजी की टीम से लौट जाने के लिए कहा लेकिन थोड़ी देर की तनातनी के बाद टीम को रिजॉर्ट के अंदर जाने दिया गया।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि जो दो कथित ऑडियो टेप सामने आए हैं, इनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा और बीजेपी नेता संजय जैन के बीच बातचीत हो रही है।
इससे पहले गहलोत सरकार ने एक्शन में आते हुए कथित ऑडियो टेप को लेकर शेखावत व कांग्रेस के बाग़ी विधायक भंवर लाल शर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली है।
कांग्रेस का कहना है कि ऑडियो टेप में बातचीत के दौरान पैसे के लेन-देन को लेकर और गहलोत सरकार को गिराने की साज़िश रची जा रही है।कांग्रेस के आरोप पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा है कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं और इन ऑडियो टेप में उनकी आवाज़ नहीं है।
एफ़आईआर दर्ज करने के अलावा कांग्रेस ने दो विधायकों को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। ये दोनों ही विधायक बाग़ी नेता सचिन पायलट के समर्थक हैं। इनमें भंवर लाल शर्मा के अलावा विश्वेंद्र सिंह का नाम शामिल है। इन दोनों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। हालांकि शर्मा ने इन ऑडियो टेप को फ़र्जी बताया है और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।