'1983 की फ़िल्म के दृश्य को 2018 में ट्वीट करने पर 2022 में गिरफ़्तारी'
'ऑल्ट न्यूज़' के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने धारा 153 यानी दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने और 295ए यानी धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। लेकिन क्या आपको पता है कि इन्होंने आख़िर ऐसा क्या किया था कि पुलिस ने इनपर ये आरोप लगाए और उन्हें गिरफ़्तार किया?
अब जो रिपोर्टें आ रही हैं उनमें कहा जा रहा है कि उनपर आरोप है कि उन्होंने एक ट्वीट से धार्मिक भावनाएँ भड़काईं। तो सवाल है कि उन्होंने आख़िर ऐसा क्या ट्वीट किया था? ऑल्ट न्यूज़ के ही एक और सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने सोमवार रात को बयान जारी कर कहा कि ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने 2020 के एक मामले में जाँच के लिए बुलाया था जिसमें हाई कोर्ट से उन्हें गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है।
Please note. pic.twitter.com/gMmassggbx
— Pratik Sinha (@free_thinker) June 27, 2022
उन्होंने बयान में आगे कहा, 'हालाँकि आज (सोमवार) क़रीब 6:45 बजे हमें बताया गया कि उन्हें कुछ दूसरी एफ़आईआर में गिरफ़्तार कर लिया गया है जिसके लिए उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया जो कि क़ानून की धाराओं के तहत ज़रूरी है। बार-बार अनुरोध के बावजदू हमें एफ़आईआर की कॉपी भी नहीं दी गई।'
ज़ुबैर के जिस ट्वीट पर आपत्ति की गई है और उनपर जो आरोप लगाए गए हैं, उसको लेकर सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि ज़ुबैर ने जो ट्वीट किया उसमें आख़िर ग़लत क्या है?
पत्रकार रोहिणी सिंह ने कहा है, 'भारत में फर्जी आईडी पुलिस को फैक्ट चेकर्स की रिपोर्ट कर रहे हैं। वह भी 1983 में सामने आई एक फिल्म से एक शॉट को 2018 में पोस्ट करने के लिए। पुलिस भी फैक्ट चेकर को तुरंत गिरफ्तार कर लेती है क्योंकि फर्जी आईडी का दावा है कि उनकी भावना आहत हुई है। तब तो ठीक है।'
In India fake IDs are reporting fact checkers to the police who promptly arrest the fact checker for posting a shot from a film in 2018 that came out in 1983 because the fake ID claims his sentiment is hurt. Ok then.
— Rohini Singh (@rohini_sgh) June 27, 2022
वरिष्ठ पत्रकार साक्षी जोशी ने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली पुलिस ने ज़ुबैर को 1983 में सीपीएफ़सी से पास हुई एक हिंदी फ़िल्म के दृश्य को 2018 में ट्वीट करने पर 2022 में गिरफ़्तार किया है।
तो @DelhiPolice ने @zoo_bear को 1983 में CBFC से पास हुई एक हिंदी फ़िल्म का सीन 2018 में ट्वीट करने पर 2022 में गिरफ़्तार कर लिया है क्योंकि किसी अज्ञात बिना पहचान वाले हैंडल ने दिल्ली पुलिस को एक वेरिफ़ाइड फैक्ट चेकर की शिकायत कर दी!
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) June 27, 2022
pic.twitter.com/VCU8QxKsus
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने कहा है, 'वह झूठ उजागर कर रहा था, तब उससे ख़तरा हो गया। धर्म के नाम पर नफ़रत के खेल को उजागर किया, तो उसी से नफ़रत हो गई। आहत भावनाओं के इस खेल में उन्हें ख़तरा नहीं जो झूठ के तंत्र के साथ हैं। ख़तरा उन्हें है जो झूठ को उजागर करते हैं। ज़ुबैर जेल में है...।'
अमरीका में भारत के चीफ जस्टिस ने कहा है कि नागरिकों को स्वतंत्रता-लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए अथक परिश्रम करना चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ कह चुके हैं कि सरकार के झूठ को उजागर करते रहना चाहिए। दोनों काम के कारण ज़ुबैर जेल में है। कुछ निंदा कर रहे हैं, बाक़ी जश्न मना रहे हैं। 2
— ravish kumar (@ravishndtv) June 27, 2022
राणा अय्यूब ने ट्वीट किया है, 'भारत के प्रधान मंत्री आपातकाल की भयावहता के बारे में बात करते हैं जबकि उन्होंने खुद भारत में ऐसा ही लागू कर दिया है। भारत में नफ़रत फैलाने वाली मशीनरी का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार ज़ुबैर को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है। देश उन लोगों को दंडित कर रहा है जिन्होंने रिपोर्ट की, गिरावट का दस्तावेजीकरण किया।'
The Prime Minister of India talks about the horrors of Emergency while he has unleashed one in India. Journalist Zubair who routinely busted fake news, exposed the hate machinery in India has just been arrested. The country is punishing those who reported, documented the decline
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) June 27, 2022
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, 'बीजेपी की नफरत, कट्टरता और झूठ को उजागर करने वाला हर शख्स उनके लिए ख़तरा है। सत्य की एक आवाज़ को पाबंद करने से एक हजार और पैदा ही होंगे। अत्याचार पर सत्य की हमेशा विजय होती है।'
Every person exposing BJP's hate, bigotry and lies is a threat to them.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 27, 2022
Arresting one voice of truth will only give rise to a thousand more.
Truth ALWAYS triumphs over tyranny. #DaroMat pic.twitter.com/hIUuxfvq6s
अच्छे नहीं लगते हैं उन झूठ के सौदागरों को सच की पड़ताल करने वाले… जिन्होंने अपनी आस्तीन में हैं पाले, नफ़रत का ज़हर उगलने वाले pic.twitter.com/JY7NlaCGUM
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 27, 2022
बता दें कि ज़ुबैर पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की पैगंबर पर विवादास्पद टिप्पणी के मामले में क्या कार्रवाई हुई? नूपुर शर्मा मामले में ही मोहम्मद जुबैर चर्चा में आए थे। उन्होंने नूपुर शर्मा के बयान को पेश करते हुए उस टीवी चैनल से सवाल पूछे थे कि उसने नूपुर शर्मा को बोलने से रोका क्यों नहीं। यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछला था। बीजेपी को इसमें मुंह की खानी पड़ी और नूपुर शर्मा को प्रवक्ता के पद से हटाना पड़ा था। लेकिन उस समय से ही जुबैर के खिलाफ सोशल मीडिया पर नूपुर समर्थक गिरफ्तार करने की मुहिम चला रहे थे।