स्मृति ईरानी को ये क्या हुआ! तारीफ़ में कहा- 'अब अलग राजनीति कर रहे राहुल'
क्या आपने स्मृति ईरानी के मुंह से कभी राहुल गांधी की तारीफ़ सुनी है? राहुल की राजनीति ही नहीं, उनकी टी-शर्ट पर। युवाओं को संदेश देने पर। उनकी सफलता पर। राहुल की रणनीति पर। ऐसी तारीफ़ कि आप भी बोल उठें- अरे, ये स्मृति को क्या हो गया!
स्मृति ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी राहुल गांधी के बारे में वह बोला जो किसी ने सोचा भी न हो! खुलकर बोलीं। राहुल की राजनीति की तारीफ़ की तो ऐसी जैसी कांग्रेसी नेता न कर पाएँ! उन्होंने कहा कि राहुल को लगता है कि उन्होंने सफलता का स्वाद चख लिया है। उन्होंने कहा कि अब वे राजनीतिक पैंतरेबाजी की एक अलग शैली में लगे हुए हैं। स्मृति ने कहा,
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मुझे लगता है कि राहुल गांधी की पॉलिटिक्स में एक चेंज आया है। हाँ... वह सोचते हैं कि उन्होंने सफलता का स्वाद चख लिया है। ...टी शर्ट पहनते हैं पार्लियामेंट में तो वह जानते हैं कि उस ह्वाइट टी-शर्ट का युवा पीढ़ी में क्या संदेश देना चाह रहे हैं।
स्मृति ईरानी, बीजेपी नेता
स्मृति ईरानी सुशांत सिन्हा के साथ एक पॉडकास्ट में एक सवाल का जवाब दे रही थीं। उन्होंने आगे कहा, 'हम इस ग़लतफ़हमी में न रहें कि वह कोई भी क़दम, वो आपको अच्छा लगे, बुरा लगे, वो क़दम आपको बचकाना लगे, लेकिन वो अलग पॉलिटिक्स अब कर रहे हैं।'
स्मृति ने कहा कि जब वह जाति के बारे में बात करते हैं, तो वह जानते हैं कि वह क्या बोल रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राहुल गांधी का कोई भी क़दम अब यूँ ही नहीं होता है, भले लोग उसको बचकाना तक समझें, लेकिन उनका क़दम सोच समझकर चला हुआ होता है।
इसी को लेकर स्मृति ने राहुल के हमले को हल्के में लेने की ग़लती नहीं करने को लेकर आगाह भी किया। उन्होंने कहा कि इसलिए हमें उनके कार्यों के बारे में गलत धारणा नहीं बनानी चाहिए- चाहे आप उन्हें अच्छा, बुरा या बचकाना मानें, लेकिन वे एक अलग तरह की राजनीति कर रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पार्टी द्वारा सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ने के पिछले प्रयासों की आलोचना भी की। उन्होंने राहुल गांधी की चुनावी मौसम में मंदिर यात्रा का ज़िक्र कर कहा कि उनके ये प्रयास मतदाताओं को पसंद नहीं आए और उन्हें संदेह के साथ देखा गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि राहुल की नई राजनीतिक सफलता इस असफल रणनीति से आगे बढ़ी है।
स्मृति ने कहा,
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राहुल गांधी को अपने मंदिर दौरों से कोई लाभ नहीं मिला। यह मजाक का विषय बन गया। कुछ लोगों को यह धोखा लगा। इसलिए जब यह रणनीति काम नहीं आई, तो उन्होंने लाभ पाने के लिए जाति के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
स्मृति ईरानी
उनके अनुसार, ये कदम भारतीय राजनीति में राहुल की प्रासंगिकता बनाए रखने के उद्देश्य से एक व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं।
उन्होंने मिस इंडिया में दलित या आदिवासी प्रतियोगियों की कमी के बारे में राहुल की हालिया टिप्पणी का हवाला दिया और कहा, 'उन्हें पता है कि मिस इंडिया का सरकार बनाने से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन फिर भी वे सोशल मीडिया पर ऐसी बातें कहते हैं। क्योंकि इससे सुर्खियाँ बनती हैं।'
हालाँकि स्मृति ईरानी ने राहुल की विचारधारा की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके बयान वास्तविक विश्वासों के बजाय एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हैं।
राहुल ने किया था स्मृति का बचाव
बता दें कि हाल ही में राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी का बचाव किया था। जब स्मृति अमेठी से इस बार चुनाव हार गईं तो उनको सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा था। इसी को लेकर राहुल ने ट्रोल करने वालों की आलोचना और स्मृति का बचाव करते हुए लिखा था, 'जीवन में हार-जीत तो होती रहती है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे श्रीमती स्मृति ईरानी या किसी अन्य नेता के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने और बुरा व्यवहार करने से बचें। लोगों को अपमानित करना कमजोरी की निशानी है, ताकत की नहीं।'
Winning and losing happen in life.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 12, 2024
I urge everyone to refrain from using derogatory language and being nasty towards Smt. Smriti Irani or any other leader for that matter.
Humiliating and insulting people is a sign of weakness, not strength.
2024 के चुनाव में अमेठी से हारने वाली स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को हराया था। इसके बाद से वह लगातार राहुल गांधी और उनके परिवार पर हमलावर रही हैं। कुछ मौक़ों पर तो स्मृति ईरानी की आलोचनात्मक बयान विवादों में आ गए थे। 2024 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार किशोरी लाल से हारने के बाद से स्मृति ईरानी का बयान नहीं आया था।