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श्रद्धा के पिता को 'लव जिहाद' का शक, बीजेपी को मिला मुद्दा

श्रद्धा के पिता को 'लव जिहाद' का शक, बीजेपी को मिला मुद्दा

श्रद्धा मर्डर केस में पिता ने लव जिहाद की आशंका जताई है। बीजेपी ने लव जिहाद के एंगल से जांच की मांग करते हुए प्रदर्शन किया, नेताओं ने बयान दिया। लेकिन दिल्ली पुलिस ने लव जिहाद को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। उसकी जांच जारी है। लव जिहाद के बारे में उठ रहे तमाम सवालों को इस रिपोर्ट से जानएः

श्रद्धा वालकर केस अब लव जिहाद की तरफ मुड़ गया है। श्रद्धा के पिता ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि उन्हें इस मामले में लव जिहाद की आशंका है। मुंबई में मंगलवार श्रद्धा के मामले में बीजेपी ने लव जिहाद की जांच के लिए प्रदर्शन किया।  बीजेपी नेता गिरिराज सिंह और बीजेपी विधायक राम कदम में इस मामले की जांच लव जिहाद के एंगल से करने की मांग की है। इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा के मामले में लव जिहाद एंगल को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन श्रद्धा के पिता की मांग पर पुलिस देर-सवेर बयान दे सकती है। दिल्ली पुलिस ने ही इस केस को सुलझाया है। दिल्ली पुलिस की जांच से श्रद्धा के पिता ने भी संतुष्टि जताई है। 

मुंबई में बीजेपी विधायक राम कदम के नेतृत्व में मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और इस हत्याकांड की जांच लव जिहाद के एंगल से करने की मांग की। बीजेपी कार्यकर्ताओं के हाथों में पोस्टर थे, जिन पर लिखा था - श्रद्धा का मामला क्या लव जिहाद का मामला है। जांच होना चाहिए। बीजेपी के सीनियर नेताओं में शुमार गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश में मुस्लिमों का लव जिहाद मिशन चल रहा है। हिन्दू बेटियां खतरे में हैं। दिल्ली पुलिस लव जिहाद के एंगल से इसकी जांच करे। मुंबई में प्रदर्शन के दौरान राम कदम ने भी इन्हीं लाइन पर मीडिया को बयान दिया। उन्होंने कहा कि वो इस संबंध में पत्र लिखने जा रहे हैं।

लव जिहाद में हिन्दू-मुस्लिम पक्ष जरूरी हैं। इसमें वो दोनों पक्ष हैं। श्रद्धा हिन्दू थी और आफताब अमीन पूनावाला मुसलमान है। दोनों कई महीनों से लिव इन रिलेशन में थे। पहले वे मुंबई में रहे, फिर दिल्ली में आ गए। दिल्ली पुलिस के मुताबिक आफताब ने हत्या के बाद श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे। यानी कुल मिलाकर उसने बहुत बेरहमी से उसे कत्ल किया था। पुलिस मंगलवार को उसे लेकर जंगल में भी गई, जहां श्रद्धा के शव के दस टुकड़े बरामद करने का दावा किया गया है। दिल्ली पुलिस ने अभी तक जो जानकारियां दी हैं वो क्राइम की एक जघन्य घटना का मामला लग रही है। ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं। 

परिवार के बारे में अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। विकास वालकर का अपनी पत्नी से तलाक हो चुका था और वे पालघर में रहते थे। उनकी पत्नी का 2020 में निधन हो गया। जाहिर सी बात है कि श्रद्धा पारिवारिक कलह की गवाह थी और मां की मौत के बाद वो अकेली हो गई। जैसा कि उसके पिता विकास वालकर ने खुद न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया- ''श्रद्धा अपने चाचा के करीब थी और मुझसे ज्यादा बात नहीं करती थी। मैं कभी भी संपर्क में नहीं था। मैं आफताब के संपर्क में भी नहीं था।''  इस सारे मामले में एक सवाल यह भी है कि बेटी काफी दिनों से घर से गायब थी या बाहर थी लेकिन परिवार जरा भी चिन्तित नहीं था। जब श्रद्धा और आफताब के कॉमन दोस्त ने वालकर परिवार को सूचित किया, तब वो नींद से जागे।  श्रद्धा के पिता ने कहा- 

आरोपी को मौत की सजा मिलना चाहिए। मुझे इसके पीछे लव जिहाद के एंगल का संदेह है। मुझे दिल्ली पुलिस पर भरोसा है और जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। मैंने पहली शिकायत मुंबई के वसई में दर्ज कराई थी।


- विकास वालकर, श्रद्धा के पिता, 15 नवंबर को एएनआई पर

आसान नहीं है सबूत जुटानादिल्ली पुलिस को इस मामले में लव जिहाद का एंगल तलाशने के लिए बहुत मशक्कत करना पड़ेगी। इस संबंध में श्रद्धा का कोई संदेश, कोई पत्र या वीडियो रेकॉर्ड ही मदद कर सकता है। हालांकि 28 साल का आफताब फूड ब्लॉगर था और दिल्ली के एक कॉल सेंटर में काम करता था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या उसने पीड़िता की हत्या की साजिश के तहत दिल्ली के छतरपुर इलाके में फ्लैट किराए पर लिया था। पुलिस ने आफताब से पूछताछ के बाद कहा है कि डेटिंग ऐप पर मिले इस जोड़े के बीच अक्सर झगड़े होते थे। यानी लिव इन में होने के बावजूद इनके संबंध अच्छे नहीं थे।

पुलिस सूत्रों ने एएनआई को बताया कि आफताब और श्रद्धा 2019 से रिलेशनशिप में थे और इसी साल दिल्ली चले गए थे। इससे पहले, वे महाराष्ट्र में थे और विभिन्न स्थानों पर जाते रहते थे। दोनों मार्च-अप्रैल में कुछ हिल स्टेशनों पर भी गए। मई में दोनों हिमाचल प्रदेश गए, जहां उनकी मुलाकात छतरपुर के रहने वाले एक शख्स से हुई। दोनों दिल्ली आ गए और शुरू में उस आदमी के फ्लैट में रुके थे। बाद में, आफताब ने छतरपुर में फ्लैट किराए पर लिया, और वहां शिफ्ट हो गया। लेकिन चंद दिनों बाद 18 मई को आफताब ने छतरपुर फ्लैट में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। 

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यह जांच का विषय है कि क्या आफताब ने पहले ही उसकी हत्या की साजिश रची थी। अगर यह साबित हो गया या इससे संबंधित कोई सबूत मिले तो फिर लव जिहाद के एंगल की तह तक पहुंचते देर नहीं लगेगी।

लव जिहाद के आरोप से किसका फायदा

श्रद्धा की हत्या की चौतरफा निन्दा हो रही है। हर राजनीतिक दल ने इसकी निन्दा की है। लेकिन लव जिहाद के एंगल से जांच की मांग ने इस चर्चित घटना के पूरे स्वरूप को बदल दिया है। लव जिहाद के आरोप की शुरुआत केरल से हुई थी। यह मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट में जा पहुंचा। उसके बाद यूपी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ कानून भी पारित किया। कई चुनावों में बीजेपी ने लव जिहाद का मुद्दा उठाकर हिन्दू-मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण भी कराया। 

अभी तक कोई ऐसा संगठन या गिरोह देश के किसी भी हिस्से में नहीं पकड़ा गया, जिसने यह जिम्मेदारी ली हो कि वो हिन्दू लड़कियों को मुसलमान बनाने के लिए कोई अभियान चला रहा हो। कुछ मामलों में पुलिस ने सूबत जुटाए लेकिन अदालत में उस केस के पहुंचने पर उसकी धज्जियां उड़ गईं। केरल में तो केस खत्म होने के बाद लड़की ने अपना धर्म परिवर्तन करके नाम बदला और मुस्लिम युवक से शादी की। अदालत ने उस शादी में हस्तक्षेप करके उसे होने दिया, क्योंकि उसमें लड़की का परिवार और पुलिस आड़े आ रही थी।

भारत में कुछ हाई प्रोफाइल हिन्दू-मुस्लिम शादियां भी हुईं, लेकिन उसे बीजेपी ने कभी मुद्दा नहीं बनाया। हरियाणा में कांग्रेस से बीजेपी में आए कुलदीप विश्नोई के भाई ने तो दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया। बीजेपी के एक वयोवृद्ध नेता के घर में मुस्लिम दामाद आया। बीजेपी के दो अन्य नेता मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन की पत्नियां हिन्दू हैं। ऐसे और भी उदाहरण हैं। लेकिन समय-समय पर बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन अपनी सुविधा के अनुसार लव जिहाद को मुद्दा बना देते हैं।

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