दक्षिण कश्मीर के शोपियां में गुरुवार को मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा है कि मारा गया आतंकवादी द रेजिस्टेंस फ्रंट का था। इस फ्रंट के बारे में पुलिस का दावा है कि यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक समूह है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी के बाद दक्षिण कश्मीर के शोपियां के कथोहाकन गांव को घेर लिया। कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ हो गई। आतंकवादी के पास से बड़ी मात्रा में गोला बारूद बरामद हुए हैं।
कश्मीर जोन पुलिस ने कहा है कि मारे गए आतंकवादी की पहचान मैसेर अहमद डार के रूप में हुई है। वह आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ से जुड़ा था।
एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सुरक्षा बलों के जवानों ने दक्षिण कश्मीर जिले में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि जैसे ही बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया, आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी कर दी। अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद मुठभेड़ हुई और एक आतंकवादी मारा गया।
सीमा पार फायरिंग में जवान घायल
शोपियाँ से अलग सांबा ज़िले में भी फायरिंग की घटना हुई। गुरुवार तड़के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा अकारण की गई गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जिले में सीमा चौकियों को निशाना बनाकर की गई यह गोलीबारी पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा 24 दिनों में तीसरा संघर्ष विराम उल्लंघन है।
इससे पहले मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में आतंकवादियों द्वारा हाल ही में किए गए तीन लक्षित हमलों की जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
पिछले महीने हुई थी घुसपैठ की कोशिश
क़रीब एक पखवाड़ा पहले ही पाँच आतंकवादियों को रक्षा बलों ने ढेर किया था। तब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा यानी एलओसी पर पुलिस और सेना ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया था। इसने घुसपैठ विरोधी अभियान के दौरान लश्कर के पांच आतंकवादी मार गिराए थे। पुलिस के मुताबिक, मारे गए आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के थे।हाल में अधिकारी दावा करते रहे हैं कि विदेशी आतंकवादियों की संख्या फिर से बढ़ गई है क्योंकि स्थानीय भर्तियां काफी कम हो गई हैं।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल केंद्र शासित प्रदेश में मारे गए 46 आतंकवादियों में से 37 पाकिस्तानी थे और केवल नौ स्थानीय थे। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के 33 साल के इतिहास में यह पहली बार है कि मारे गए विदेशी आतंकवादियों की संख्या स्थानीय आतंकवादियों से चार गुना अधिक है। गृह मंत्रालय का कहना है कि घाटी में इस समय करीब 130 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें से आधे विदेशी आतंकवादी हैं।