शिवराज कैबिनेट का विस्तार आज; बीजेपी को झुका पाएंगे सिंधिया?
मध्य प्रदेश की सवा तीन महीने पुरानी शिवराज सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार आज सुबह 11 बजे होगा। दिल्ली से छनकर भोपाल आ रहीं ख़बरों के अनुसार पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राज्यसभा के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा दी गई सूची के अधिकांश नामों को बीजेपी हाईकमान ने मंत्री बनाने पर सहमति दे दी है। सिंधिया के सिपहसालार तुलसी सिलावट को डिप्टी सीएम पद से नवाज़ा जायेगा या नहीं, इसे लेकर संशय बना हुआ है।
अभी पूरी तरह से यह तो साफ़ नहीं हो पाया है कि कुल कितने विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलायी जाएगी, लेकिन माना जा रहा है कि दो दर्जन के लगभग विधायकों को मंत्री बनाया जा रहा है।
पार्टी आलाकमान द्वारा मंज़ूर की गई सूची लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे दिल्ली से भोपाल आ गए हैं। शाम को भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी पदाधिकारी एक बार फिर चर्चा करेंगे। इसके बाद विधायकों को मंत्री बनाये जाने संबंधी सूचनाएँ दी जाएँगी।
बता दें कि शिवराज काबीना के विस्तार को लेकर अटकलबाज़ियों का दौर पिछले महीने भर से चल रहा था। पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश इकाई के पदाधिकारी दिल्ली गए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। शाह और नड्डा से तो शिवराज दो-तीन बार मिले थे।
केन्द्रीय मंत्री और ग्वालियर-चंबल संभाग के वरिष्ठ बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह तोमर से भी कई दौर की चर्चाएँ शिवराज की हुई थीं। तमाम कवायद के बाद भी नतीजा नहीं निकल पाया था।
केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने शिवराज उनके दिल्ली स्थित घर पहुँचे थे। चर्चा के बाद वापसी हुई थी तो शिवराज निराश दिख रहे थे। ख़बर थी कि शिवराज की मायूसी की वजह सिंधिया द्वारा कमलनाथ सरकार के सामने रखी गई पुरानी माँग को शिवराज के सामने दोहरा देना रहा था।
सिंधिया चाहते हैं कि उनके विश्वासपात्र तुलसी सिलावट को शिवराज सरकार में उपमुख्यमंत्री बना दिया जाए। इसके साथ ही 10 अन्य उन ग़ैर विधायकों की सूची भी सिंधिया ने मंत्री बनाये जाने के लिए शिवराज को सौंपी थी जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी सरकार बनाने में मोहरा बने थे।
मध्य प्रदेश विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 230 है। इस मान से अधिकतम 35 मंत्री बनाये जा सकते हैं। शिवराज समेत छह सदस्य मंत्रिपरिषद में हैं। यानी केवल 29 जगह ही रिक्त है। यदि 10 मंत्री पद सिंधिया को दे दिये जाते हैं तो 19 पद ही बचेंगे। बीजेपी में मंत्री पद के दावेदारों की संख्या 45 के आसपास है।
बीजेपी के समक्ष संकट इस बात का बना हुआ था कि किसे मंत्री बनाया जाए और किसे छोड़ा जाये यह तय है कि काबीना विस्तार के बाद बीजेपी में उसी तरह की खलबली और संकट पैदा होने वाला है जैसा कि कमलनाथ सरकार में कांग्रेस में था। डैमेज कंट्रोल ना हो पाने पर आखिर में नाथ की सरकार गिर गई थी।
सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी ने निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल गुड्डा (कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री थे) से लेकर बहुजन समाज पार्टी की विधायक रामबाई और संजीव सिंह को भी सत्ता में भागीदार बनाये जाने का भरोसा दिला रखा है। सपा के राजेश कुमार शुक्ला ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को वोट मंत्री पद के लालच में किया था। सपा उन्हें पार्टी से निकाल चुकी है। उन्हें भी उम्मीद है कि अपनी पार्टी सपा से विद्रोह के एवज में बीजेपी उन्हें मंत्री पद अवश्य देगी।
बीजेपी में दो दर्जन वरिष्ठ विधायक दावेदार
बीजेपी में दो दर्जन विधायक ऐसे हैं जो तीन से लेकर आठ बार जीत दर्ज कर चुके हैं। उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार के पूर्व के तीनों कार्यकाल में ये मंत्री रहे। सभी फिर से मंत्री बनने की आस लगाये बैठे हैं। पहली खेप में ना लिये जाने से कई तो बेहद नाराज़ भी हैं और इनके सुर भी बेहद तीखे बने हुए हैं।
दरअसल, केन्द्रीय नेतृत्व चाह रहा था कि ज़्यादातर पुराने वरिष्ठ चेहरों को छोड़ दिया जाए और नये चेहरों को मंत्री बनाया जाये। इसे लेकर भी पेच उलझा हुआ था।
जो सूची मंजूर हुई है, उसे लेकर सुगबुगाहट है कि सिंधिया समर्थक ज़्यादातर ग़ैर विधायकों को मंत्री पद देने के लिए आलाकमान राज़ी हो गया है, जबकि बीजेपी के कई वरिष्ठ विधायकों के नाम केन्द्र ने मंत्री पद की सूची से काट दिये हैं।
ख़बर है कि शिवराज के कई बेहद करीबियों को भी मंत्री नहीं बनाया जा रहा है। इस तरह की ख़बरों के बाद से मुख्यमंत्री शिवराज और उनके कोटरी के सदस्यों की नींद उड़ गई बतायी जा रही है।
डिप्टी सीएम एक नहीं, दो होंगे!
सिंधिया की अपने सिपहसालार को डिप्टी सीएम बनाये जाने संबंधी माँग मानी गई है अथवा नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। एक सूत्र ने दावा किया है कि डिप्टी सीएम पद नहीं होगा। जबकि एक धड़ा कह रहा है कि डिप्टी सीएम बनाया जा रहा है। यदि सिंधिया समर्थक ग़ैर विधायक को डिप्टी सीएम बनाया गया तो शिवराज मंत्रिमंडल में एक नहीं दो डिप्टी सीएम होंगे। बीजेपी से डिप्टी सीएम पद के लिए सबसे ऊपर नाम नरोत्तम मिश्रा का है। वह सीएम पद की रेस में भी शामिल रहे थे।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन अस्वस्थ हैं। उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश के राज्यपाल पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
24 सीटों पर उपचुनाव
राज्य विधानसभा की 24 सीटें रिक्त हैं। इन पर उपचुनाव होना है। बीजेपी ने उपचुनाव की तैयारियाँ शुरू की हुई हैं। सबसे ज़्यादा 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर का ऐंगल यहाँ पार्टी को साधना था। कुल मिलाकर दो दर्जन इन सीटों से जुड़े पेच भी काबीना विस्तार के आड़े आ रहे थे। केन्द्र द्वारा अधिकांश पेचों को ‘खोल’ लिये जाने की सूचनाएँ हैं।