उत्तर प्रदेश की सियासत के बड़े नेता शिवपाल सिंह यादव की बीजेपी के साथ जाने की चर्चा तेज हो गई है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में अपने समर्थकों के साथ मुलाकात की है और वह जल्द ही समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने का एलान कर सकते हैं। शिवपाल के बीजेपी के साथ जाने की जबरदस्त चर्चा है।
शिवपाल ने बुधवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। अब उनके दिल्ली आकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल की नाराजगी तब खुलकर सामने आई थी जब कुछ दिन पहले बुलाई गई सपा विधायकों की बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा था कि वह विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए 2 दिन से इंतजार कर रहे थे लेकिन किसी ने उन्हें बैठक में आने के लिए नहीं कहा। जबकि वह सपा के टिकट पर विधायक बने हैं।
उसके बाद शिवपाल इटावा निकल गए थे और बुधवार को उन्होंने लखनऊ पहुंचकर विधायक पद की शपथ ली। शिवपाल सिंह यादव लखनऊ में हुई सपा गठबंधन के नेताओं की बैठक में भी नहीं आए।
इसके बाद से ही उनके बीजेपी नेताओं के संपर्क में होने की खबरें तेज हो गईं।
राज्यसभा जाएंगे शिवपाल?
खबरों के मुताबिक, बीजेपी शिवपाल सिंह यादव को राज्यसभा भेज सकती है। या उन्हें आजमगढ़ संसदीय सीट के उपचुनाव में भी उतार सकती है। शिवपाल की जसवंत नगर विधानसभा सीट पर बीजेपी उनके बेटे आदित्य यादव को टिकट दे सकती है।
भतीजे संग सियासी तकरार
शिवपाल और अखिलेश के बीच में साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तकरार शुरू हुई थी और उसके बाद शिवपाल ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया था। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के मनाने के बाद शिवपाल ने इस विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश के साथ गठबंधन किया था।
शिवपाल चुनाव में अखिलेश से 100 सीटें मांग रहे थे लेकिन उन्हें सिर्फ एक सीट ही दी गई।
माना जा रहा है कि शिवपाल अपनी कथित उपेक्षा से बेहद नाराज हैं और वह जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। शिवपाल ने तमाम खबरों को हवा यह कह कर दे दी है कि वह समय आने पर सब बताएंगे बस इंतजार किया जाए।
अगर शिवपाल बीजेपी के साथ चले जाते हैं तो निश्चित रूप से यह अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका होगा। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले अपर्णा यादव को अपने पाले में खींच कर यादव परिवार में सेंध लगाई थी।
शिवपाल अगर बीजेपी के साथ जाते हैं तो यह समाजवादी पार्टी गठबंधन के लिए भी एक झटका होगा क्योंकि विधानसभा चुनाव का नतीजा आए अभी एक महीना भी नहीं हुआ है कि पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और अब शिवपाल सिंह यादव के बीजेपी के साथ जाने की चर्चा जोरों पर है।
शिवपाल उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहने के साथ ही सपा के अध्यक्ष भी रहे हैं और यादव बेल्ट में उनके समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या है।
बीजेपी अगर शिवपाल को तोड़ने में कामयाब रही तो यादव मतदाताओं का कुछ हद तक समर्थन हासिल करने में कामयाब रहेगी।
खबरें इस तरह की भी हैं कि शिवपाल यादव सपा के कम से कम 5 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होंगे। बीजेपी को इस बार यादव बेल्ट में खासा नुकसान हुआ है और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वह इसकी भरपाई करना चाहती है। ऐसी स्थिति में शिवपाल उसके लिए मुफीद साबित हो सकते हैं।