चुनाव नतीजे आने के बाद राजनीतिक अस्थिरता का शिकार रहे महाराष्ट्र में मंगलवार को कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने संकेत दिए कि वे राज्य में मिलकर सरकार बना सकते हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार रात को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने उनसे वक़्त माँगा है। उन्होंने दुहराया कि शिवसेना का सरकार बनाने का दावा अभी खारिज नहीं हुआ है। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि वह कांग्रेस-एनसीपी के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा करेंगे।
इससे ठीक पहले कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत के लिए मुंबई भेजा था। बातचीत के बाद दोनों दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि कांग्रेस-एनसीपी के बीच बातचीत पूरी होने के बाद ही शिवसेना से कोई बात की जाएगी।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी विचारधारा कांग्रेस से अलग है लेकिन फिर भी हम मिलकर काम करने का फ़ॉर्मूला बनाएँगे। उन्होंने सवाल उठाया कि जब नीतीश कुमार और रामविलास पासवान बीजेपी के साथ काम कर सकते हैं तो हम कांग्रेस के साथ क्यों नहीं कर सकते?
उद्धव ने कहा कि जब महबूबा मुफ़्ती और बीजेपी मिलकार सरकार बना सकते हैं तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। उद्धव ने बीजेपी पर वादाख़िलाफ़ी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी-शिवसेना कई सालों तक साथ रहे लेकिन अब शिवसेना को कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाना होगा। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी के साथ जाने का विकल्प शिवसेना ने ख़त्म नहीं किया। यह रिश्ता बीजेपी ने ख़त्म किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने बुरे समय में बीजेपी का साथ दिया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद छोड़ने के लिए अरविंद सावंत को भी धन्यवाद दिया।
सरकार बनाने की कोशिश में बीजेपी?
दूसरी ओर, बीजेपी ने भी कहा है कि वह भी राज्य में स्थिर सरकार बनाने की कोशिश में है। नारायण राणे ने कहा, 'बीजेपी सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। देवेंद्र फ़डनवीस इस दिशा में पूरी कोशिश कर रहे हैं। शिवसेना ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया।'महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फ़डनवीस ने एक प्रेस बयान जारी कर राष्ट्रपति शासन लागू होने को दुर्भाग्यजनक बताया लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि महाराष्ट्र में जल्दी ही एक स्थिर सरकार बनेगी.
सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी वाकई सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि बीजेपी इस एलान के ज़रिए शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के विधायकों और कार्यकर्ताओं को उलझन में डालना चाहती है। वह यह छवि गढना चाहती है कि ये तीन दल मिल कर भी सरकार नहीं बना सकती। बीजेपी ही सरकार बना सकती है और वह इस दिशा में कोशिश भी कर रही है।