महाराष्ट्र: सरकार के गठन का काम पूरा, सब बाधाएं ख़त्म, शिवसेना बोली
महाराष्ट्र में सरकार कैसे बनेगी, इस बेहद अहम सवाल के बीच शिवसेना ने एक बार फिर कहा है कि वह नवंबर ख़त्म होने से पहले ही राज्य में सरकार बनाएगी। शिवसेना ने यह भी कहा है कि सरकार गठन की सभी प्रक्रियाएं आने वाले 5 से 6 दिन में पूरी हो जाएंगी। चुनाव नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अड़ने वाली शिवसेना इस मुद्दे पर बीजेपी और एनडीए से नाता तोड़ने के बाद और मुखर हो गयी है। हालाँकि उसके प्रवक्ता संजय राउत पहले भी कह चुके हैं कि राज्य में शिवसेना के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार बनेगी और यह पूरे 5 साल चलेगी। लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार की सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से हुई मुलाक़ात के बाद पवार ने जो बयान दिए थे, उससे महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा पसर गया था।
पवार ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि सोनिया गाँधी के साथ उनकी सरकार के गठन को लेकर कोई बात ही नहीं हुई है। पवार ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर संजय राउत 170 विधायकों का समर्थन होने की बात कह रहे हैं तो इस बारे में उन्हीं से पूछा जाना चाहिए। यह वही पवार थे जिन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेतृत्व में सरकार बनेगी और पूरे 5 साल चलेगी।
लेकिन मंगलवार को अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी एक ख़बर से यह बात साफ़ हो गई थी कि पवार के बयानों पर भरोसा मत कीजिए और पर्दे के पीछे शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने का ‘खेल’ जारी है। ख़बर में कहा गया था कि तीनों दलों के बीच सरकार के गठन पर सहमति बन गई है और अगले महीने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार बन सकती है।
ख़बर में यह भी कहा गया था कि सब कुछ अगर तय योजना के हिसाब से होगा तो नई सरकार में दो उपमुख्यमंत्री होंगे। इनमें एक एनसीपी से होगा और दूसरा कांग्रेस से। इसके अलावा राज्य विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर शिवसेना के 15, एनसीपी के 14 और कांग्रेस के 13 मंत्री बन सकते हैं।
अब शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत के बयान ने भी इस बात को पुख़्ता कर दिया है कि महाराष्ट्र में ये तीनों ही दल मिलकर सरकार बनाएंगे। राउत ने बुधवार को कहा, ‘सरकार बनाने की प्रक्रिया अगले 5 से 6 दिन में पूरी हो जाएगी और दिसंबर से पहले ही राज्य में एक लोकप्रिय और मजबूत सरकार का गठन हो जाएगा।’
राउत ने कहा, ‘सरकार गठन को लेकर पिछले 10-15 दिनों से जो भी बाधाएं थीं, वे अब ख़त्म हो गई हैं। आपको कल दिन में 12 बजे तक पता चल जाएगा कि सभी बाधाएं ख़त्म हो चुकी हैं और कल दोपहर बाद सारी तसवीर साफ़ हो जाएगी।’
राउत इस बात को कहते रहे हैं कि शिवसेना के पास 170 विधायकों का समर्थन है। महाराष्ट्र की विधानसभा में 288 सीटें हैं और सरकार के गठन के लिए 145 विधायकों का समर्थन होना ज़रूरी है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं, ऐसे में यह कुल आंकड़ा 154 सीटों का बैठता है। इसके अलावा शिवसेना के पास कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसे 105 सीटें मिली थीं लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी वह सरकार नहीं बना सकी थी।
इस बीच ख़बर यह भी है कि कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी हाईकमान को चेताते हुए कहा है कि सरकार गठन को लेकर जल्द से जल्द फ़ैसला लिया जाए। इन विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी से शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर निर्णय लेने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक़, महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को चेताया है कि सरकार गठन में देरी से नुक़सान हो सकता है।
एनसीपी पहले भी कई बार कह चुकी है कि वह शिवसेना के साथ राज्य में सरकार बनाना चाहती है लेकिन कांग्रेस इस मसले पर कोई फ़ैसला लेने से हिचक रही थी। लेकिन राउत के ताज़ा बयान के बाद यह साफ़ हो गया है कि अब सरकार के गठन में कोई मुश्किल पेश नहीं आएगी।