आर्यन के साथ शिवसेना, कहा- एनसीबी के काम का संज्ञान ले SC
कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग्स केस में एनसीबी द्वारा गिरफ्तार किए गए आर्यन ख़ान के समर्थन में शिवसेना नेता किशोर तिवारी खुलकर सामने आए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना को चिट्ठी लिखकर आर्यन ख़ान केस में मुंबई में एनसीबी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि एनसीबी के अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और एक नौजवान को जेल में रखकर मानवता के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। उन्होंने ने सीजेआई से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है। इधर, इस ड्रग्स केस में एनसीबी के गवाह के पी गोसावी पर महाराष्ट्र पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। गोसावी की सहयोगी और धोखाधड़ी के केस में आरोपी शेरबानो कुरैशी को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
शिवसेना की दशहरा रैली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आर्यन ख़ान के समर्थन में आकर सभी को चौंका दिया था। इसके बाद अब शिवसेना पूरी तरह से आर्यन ख़ान के समर्थन में आ गयी है।
किशोर तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना को चिट्ठी लिखकर कहा है कि एनसीबी के अधिकारी बेवजह बेगुनाह लोगों पर झूठे मुक़दमे लगा रहे हैं और उन्हें सलाखों के पीछे भेज रहे हैं। तिवारी ने कहा कि स्पेशल कोर्ट ने भी आर्यन की ज़मानत की याचिका पर कोई फ़ैसला नहीं किया है और उसे आगे स्थगित कर दिया है। किसी भी बेगुनाह को सलाखों के पीछे रखना ये पूरी तरह से न्याय संगत नहीं है।
किशोर तिवारी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पिछले 2 सालों से एनसीबी की टीम कुछ चुनिंदा फ़िल्म सितारों पर ही कार्रवाई कर रही है। तिवारी का कहना है कि अदालत की निगरानी में एक जांच आयोग का गठन किया जाए जो एनसीबी द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों की जांच कर सके।
तिवारी ने एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का नाम लिए बग़ैर इस चिट्ठी में लिखा है कि अधिकारी की पत्नी एक फ़िल्म सेलिब्रिटी हैं और वह अपने फ़ायदे के लिए अपने पति के ज़रिए एनसीबी का इस्तेमाल दूसरे फ़िल्मी सितारों पर करवा रही हैं। तिवारी का कहना है कि अधिकारी की पत्नी को फ़िल्म इंडस्ट्री में काम नहीं मिल रहा है इसलिए वह एनसीबी के ज़रिए कुछ चुनिंदा फ़िल्मी सितारों को टारगेट करवा रही हैं।
तिवारी ने सीजेआई एन वी रमना से गुज़ारिश की है कि एनसीबी की कार्रवाई के चलते एक नौजवान को सलाखों के पीछे रहना पड़ रहा है, जिसके पास से न तो ड्रग्स मिला है और न ही उसने ड्रग्स का सेवन किया था।
उन्होंने कहा कि इस कारण उसके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। तिवारी का कहना है कि पिछले 15 से 18 महीने के दौरान कुछ चुने हुए फ़िल्मी सितारों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद भी एनसीबी ने कुछ बड़े फ़िल्म स्टार से पूछताछ की थी लेकिन उनसे हुई पूछताछ में कुछ भी सामने नहीं आया है। इसलिए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की आवश्यकता है एवं स्वतः संज्ञान लेने की ज़रूरत है।
आर्यन की काउंसलिंग
आर्यन ख़ान को जब से जेल भेजा गया है तभी से एनसीबी और ड्रग्स के ख़िलाफ़ काम कर रहे एनजीओ आर्यन की काउंसलिंग कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि आर्यन ने काउंसलिंग के दौरान कबूल किया है कि उनसे ड्रग्स लेने की ग़लती हो गयी है और उन्हें इसका पछतावा है। आर्यन ने एनसीबी और एनजीओ के अधिकारियों से कहा है कि उन्हें ग़लती सुधारने का एक मौक़ा मिलना चाहिए। काउंसलिंग के दौरान आर्यन ख़ान सहित अन्य सभी आरोपियों को उनके धर्म के अनुसार धार्मिक पुस्तकें जैसे गीता, बाइबल, क़ुरान पढ़ने के लिए उपलब्ध कराई गयी हैं।
जेल के सूत्रों का कहना है कि आर्यन को अपने किए पर पछतावा है। आर्यन ने जेल अधिकारियों के सामने एनसीबी के अधिकारियों और एनजीओ के कुछ लोगों से वादा किया है कि वह भविष्य में कभी ड्रग्स का सेवन नहीं करेंगे। इसके अलावा उन्होंने जेल से बाहर निकलने पर ग़रीब बच्चों की सहायता करने का भी भरोसा दिलाया है।
गोसावी की सहयोगी गिरफ़्तार
आर्यन ड्रग्स केस में एनसीबी के गवाह रहे केपी गोसावी पर महाराष्ट्र पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुणे पुलिस ने गोसावी की सहयोगी और धोखाधड़ी के केस में आरोपी शेरबानो कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया है। पुणे के पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने सत्य हिंदी से ख़बर की पुष्टि करते हुए कहा कि पुणे पुलिस ने शेरबानो को गिरफ़्तार किया है। शेरबानो पर गोसावी के साथ ही पुणे के एक युवक ने विदेश भेजने के नाम पर 3 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। गोसावी आर्यन के साथ ली गयी सेल्फी के बाद चर्चा में आया था और तभी से फरार है।