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शरद यादव की पार्टी का होगा आरजेडी में विलय, बिहार में कई जगह तिकोना मुक़ाबला

शरद यादव की पार्टी का होगा आरजेडी में विलय, बिहार में कई जगह तिकोना मुक़ाबला

बिहार महागठबंधन में आरजेडी को 20 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली हैं। शरद यादव की पार्टी का राष्ट्रीय जनता दल में विलय होगा। कई जगहों पर तिकोना मुक़बाल तय है। 

बिहार में आख़िरकार महागठबंधन ने सीटों का बँटवारा कर लिया है। महागठबंधन में आरजेडी को 20 और कांग्रेस को 9 सीटें दी गईं हैं। आरएलएसपी के खाते में 5, हम (सेक्युलर) और वीआईपी के खाते में 3-3 सीटें आयी हैं। आरजेडी के कोटे से लेफ़्ट को एक सीट दी गयी है। आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शुक्रवार को इसका आधिकारिक तौर पर एलान किया। हालाँकि प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एक भी बड़े नेता शामिल नहीं हुए। सीटों के बँटवारे को लेकर आपसी दलों में आपसी खींचतान थी और आख़िर समय तक तो यह आशंका जताई जा रही थी कि महागठबंधन कहीं खटाई में न पड़ जाए।

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले एक बैठक हुई, इस बैठक में तेजस्वी यादव, शरद यादव, जीतन राम मांझी, समेत कई नेता शामिल थे। जब उनसे सवाल पूछा गया कि आप कैसे कह सकते हैं कि सब कुछ ठीक है जबकि आपके नेता ही नहीं आए। इस पर मनोज झा ने कहा, 'क्या मैं पार्टी में कुछ भी नहीं हूँ आप मुझे तुच्छ बना रहे हैं यदि आख़िरी वक़्त में प्रारूप बदल जाता है तो यह पार्टी का निर्णय है, इस पर सवाल नहीं किया जाना चाहिए।' बता दें कि महागठबंधन के प्रमुख घटक दलों के नेताओं की बैठक राबड़ी देवी के आवास पर घंटों चली। 

आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि इस महागठबंधन की नींव 2014 में लालू प्रसाद यादव ने रखी थी और यह महागठबंधन देश के संविधान को सुरक्षित रखने के लिए हुआ है।

कांग्रेस को राज्य सभा की एक सीट मिलेगी

इस बीच आरजेडी के राज्य सभा सदस्य मनोज झा ने बताया कि एक राज्य सभा की सीट कांग्रेस को दी जायेगी। हालाँकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा वहाँ मौजूद थे, लेकिन कौन पार्टी किन-किन सीटों पड़ लड़ेगी, इसका खुलासा नहीं किया गया। प्रथम चरण में हो रहे 4 लोक सभा की सीटों में दो -गया और औरंगाबाद- पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी को दिया गया है। एक एक सीट पर आरजेडी एवं आरएलएसपी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। शरद यादव की पार्टी का आरजेडी में विलय होगा।

  • औरंगाबाद सीट 'हम' को दिये जाने से राजपूत वोटरों में खासी नाराज़गी देखने को मिल रही है। एक राजपूत नेता ने तो यहाँ तक कह दिया कि औरंगाबाद अब बिहार का चित्तौड़गढ़ नहीं रहा।

पहले 11 सीटों पर अड़ी थी कांग्रेस

पहले कांग्रेस 11 सीटों पर अड़ी थी, लेकिन  तेजस्वी यादव और राहुल गाँधी की मुलाक़ात के बाद 9 सीटों पर बात पक्की हो गई थी। पिछले दिनों बिहार में कांग्रेस चुनाव अभियान समिति की बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा था कि कांग्रेस बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 11 पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। 

सीट बँटवारे में हो रही देरी की मुख्य वजह कांग्रेस को दी जाने वाली सीटें थीं। शुरुआत में काँग्रेसी 11 सीटें मिलने को लेकर आश्वस्त दिख रहे थे लेकिन लालू यादव काँग्रेस को 8 सीट से ज़्यादा सीट नहीं देने के पक्ष में नहीं थे। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने पिछली बैठक के बाद एक-दो सीट कम होने की बात कही थी। हालाँकि इसके साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर पेच फँसे होने की बात को सिरे से ख़ारिज कर दिया था। 

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