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भटकती आत्मा प्रधानमंत्री मोदी का हमेशा पीछा करती रहेगीः शरद पवार

भटकती आत्मा प्रधानमंत्री मोदी का हमेशा पीछा करती रहेगीः शरद पवार

प्रधानमंत्री मोदी ने ेलोकसभा चुनाव के दौरान काफी विवादित और साम्प्रदायिक भाषण दिए थे। उन्होंने महाराष्ट्र के वयोवृद्ध नेता शरद पवार को चुनावी रैली में भटकती आत्मा कहा था। लेकिन जब महाराष्ट्र और देश के अन्य राज्यों से लोकसभा के नतीजे आए तो मोदी और भाजपा के पैरों तले जमीन खिसक गई। भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी। शरद पवार अब मोदी को उनके पुराने बयान याद दिलाकर चुटकी ले रहे हैं। 

एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सोमवार को कहा कि पीएम मोदी की उनके ऊपर भटकती आत्मा वाली टिप्पणी अब प्रधानमंत्री के जिन्दगीभर परेशान करती रहेगी। पवार ने यह बात भाजपा के 240 पर सिमटने और दूसरे दलों की बैसाखियों के सहारे सरकार बनाने को लेकर कही है। शरद पवार ने कहा कि ''प्रधानमंत्री ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, उससे उनके पद की गरिमा कम हुई है। अपने एक चुनावी भाषण में, मोदी ने मुझे 'भटकती आत्मा' कहा... अच्छा है कि उन्होंने ऐसा कहा। मोदी के अनुसार, 'आत्मा' सदैव बनी रहती है। और यह 'आत्मा' उन्हें अब परेशान करती रहेगी।'' 

पवार ने अहमदनगर में कहा, “क्या मोदी को पद की शपथ लेने से पहले लोगों का जनादेश मिला है? क्या उन्होंने जनता की सहमति ली? उनके पास बहुमत नहीं है। उन्होंने सरकार बनाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री और टीडीपी की मदद ली।”

मोदी के बयानों को याद करते हुए, पवार ने कहा, “चुनाव प्रचार के दौरान मोदी जहां भी गए, वे मोदी गारंटी पर जोर दे रहे थे। मोदी गारंटी अब अस्तित्व में नहीं है। वैसे ही कोई मोदी सरकार नहीं है। मोदी को यह कहने पर मजबूर होना पड़ा कि यह मोदी सरकार नहीं बल्कि इंडियन गवर्नमेंट और भारत सरकार है। वो एक अलग रुख अपनाने के लिए मजबूर हुए।”

मोदी पर तीखा हमला करते हुए शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी खास पार्टी का नहीं होता, लेकिन मोदी ये भूल गए। उम्मीद थी कि इस देश का प्रधान मंत्री समाज के सभी वर्गों, सभी जाति, पंथ और धर्म के लोगों के बारे में सोचेगा। लेकिन मोदी ये भूल गये। मुझे नहीं लगता कि वह वास्तव में भूल गए थे, दरअसल, यह उनकी विचारधारा का हिस्सा है। क्या मुसलमान, क्या ईसाई, क्या सिख, क्या पारसी...अल्पसंख्यक, चाहे वे किसी भी संप्रदाय के हों, देश का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनमें विश्वास पैदा करना शासकों की जिम्मेदारी है। लेकिन मोदी अल्पसंख्यकों के बीच विश्वास जगाने में नाकाम रहे।”

शरद पवार ने मोदी का एक और भाषण याद कराते हुए कहा कि “अपनी एक रैली के दौरान, मोदी ने कहा था कि देश में एक विशेष समुदाय है जिसके परिवारों में अधिक बच्चे पैदा होते हैं। इसका मतलब है कि उनका इशारा इस देश के मुस्लिम समुदाय की ओर था...फिर उन्होंने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो वे आपका मंगलसूत्र छीन लेंगे। उन्होंने एक सभा में यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन के लोग किसान की भैंस छीन लेंगे। वह किस बारे में बात कर रहे थे? इस देश के प्रधानमंत्री को यही बोलना चाहिए? क्या एक प्रधानमंत्री को अपने भाषणों में ऐसी बातों पर चर्चा करनी चाहिए? मोदी साहब ने अपने कार्यालय की मर्यादा नहीं रखी। राजनीतिक दलों के रूप में, हम एक-दूसरे पर हमला करते हैं लेकिन हम कुछ मर्यादा बनाए रखते हैं।“

शरद पवार ने मोदी द्वारा उद्धव ठाकरे की शिवसेना को नकली कहे जाने पर भी आपत्ति जताई। पवार ने कहा, ''बाल ठाकरे ने शिव सेना का गठन किया और इसे नई ऊंचाइयों पर ले गए। बीजेपी ने शिवसेना के साथ गठबंधन किया और सरकार बनाई। उन्होंने मराठी मानुष का विश्वास जीत लिया। और अब मोदी बाला साहेब ठाकरे की शिव सेना को 'नकली' शिव सेना कहते हैं। क्या यह प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा देता है? उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि जब कोई व्यक्ति जानता है कि उसके लिए सत्ता में लौटना मुश्किल होगा, तो वह इस तरह के अनर्गल बयान देने लगता है और बेचैन हो जाता है।''

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