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पवार इस्तीफ़े पर पुनर्विचार को तैयार, महाराष्ट्र में राजनीति गरमाई

पवार इस्तीफ़े पर पुनर्विचार को तैयार, महाराष्ट्र में राजनीति गरमाई

शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पवार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने केवल पद छोड़ा है, लेकिन सक्रिय राजनीति नहीं। वे राजनीति में बने रहेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से उनका इस्तीफा स्वीकार करने की अपील की थी। 

एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार के लिए तैयार हो गये हैं। इसके लिए उन्होंने दो-तीन दिन का समय मांगा है। मंगलवार की सुबह उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। कार्यकर्ताओं ने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। उसके बाद से दिनभर उनको मनाने का खेल चलता रहा है। सीनियर पवार के इस फैसले की जानकारी उनके भतीजे, अजित पवार ने मीडिया को दी। 

शरद पवार ने एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि बाद में उन्होंने राजनीति छोड़ने से इनकार किया। उनका यह इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब एनसीपी को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पार्टी में विभाजन तक की खबरें आ रही थीं। अब पूरा एनसीपी काडर उन्हें मनाने में जुट गया है। उनकी बेटी सुप्रिया सुले से कहा जा रहा है कि वो अपने पिता से बात करें। शरद के भतीजे अजित पवार भी बैठकें कर रहे हैं। शरद पवार की घोषणा से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पवार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने केवल पद छोड़ा है, लेकिन सक्रिय राजनीति नहीं। वे राजनीति में बने रहेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से उनका इस्तीफा स्वीकार करने की अपील की थी।    

कौन होगा अगला अध्यक्ष ....                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  हालांकि शरद पवार अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए तैयार हो गये हैं। महाराष्ट्र की राजनीति और एनसीपी के भीतर ये सवाल अभी भी बना हुआ है कि एनसीपी का नया अध्यक्ष कौन होगा। फिलहाल शरद पवार पार्टी के सर्वेसर्वा माने जाते थे, लेकिन अब वे किस रोल में रहेंगे यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

शरद पवार ने एनसीपी का गठन ,कांग्रेस से निष्कासन के बाद 24 साल पहले किया था। अब अचानक से लिए गए उनके इस फैसले ने कार्यकर्ताओं को झकझोर कर रख दिया। उनके इस्तीफे की घोषणा के बाद सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सीनियर पवार से अपना फैसला वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की। कई कार्यकर्ता तो उनके फैसले के बाद रोते हुए भी देखे गए।  

कार्यकर्ताओं ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले से आग्रह किया था कि वो अपने पिता से बात करें और उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहें। कार्यकर्ताओं की इस मांग पर अजित पवार ने हस्तक्षेप करते हुए सुप्रिया सुले को कुछ भी बोलने से मना किया। अजित पवार ने कहा, 'मैं उनका बड़ा भाई हूं और इसलिए मैं उन्हें यह सुझाव दे रहा हूं।  

घर में क्या चल रहा है ..                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                              एएनआई ने अजित पवार को कोट करते हुए लिखा, 'पवार साहब ने कुछ दिन पहले खुद ही नेतृत्व में बदलाव की जरूरत के बारे में अपने विचार व्यक्त किये थे। अजित पवार ने कहा कि हमें उनके फैसले को उनकी उम्र और स्वास्थ्य के तौर पर भी देखना चाहिए। सभी को समय के अनुसार निर्णय लेना होता है। ऐसा ही एक निर्णय पवार साहेब ने भी एक लिया है और वह इसे वापस नहीं लेंगे।

इस पद के लिए पवार के घर में ही आपसी लड़ाई छिड़ी हुई है। उनके भतीजे अजित पवार और उनके बेटे सुप्रिया सुले दोनों ही इस पद के दावेदार माने जा रहे हैं, और दोनों ही इस पद को पाना चाहते हैं।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                              पवार के इस्तीफे पर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी है। महासचिव नाना पटोले ने कहा कि पवार के इस्तीफे का महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वह यथावत ही रहेगा।

पवार ने भी गठबंधन पर बोलते हुए कहा था कि यह गठबंधन केवल सत्ता के लिए नहीं बना है। गठबंधन के मसले पर पवार की प्रतिक्रिया को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसके बनने में उनकी प्रमुख भूमिका थी। बिना उनके इसकी कल्पना करना भी लगभग नामुमकिन जैसा ही था।

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