ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन संभवत: अप्रैल से, 1000 रु. में मिलेगी: पूनावाला
कोरोना की वैक्सीन कब आएगी और यह कितने रुपये में मिलेगी, अब इसका इंतज़ार लगभग ख़त्म हो गया है। ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन के आने के वक़्त की घोषणा की गई है।
ऑक्सफ़ोर्ड से वैक्सीन बनाने के लिए क़रार करने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन फ़रवरी से स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपलब्ध होगी। आम लोगों के लिए यह वैक्सीन अप्रैल में उपलब्ध होगी। कंपनी ने कहा है कि 1000 रुपये में वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। दो डोज ही कोरोना को रोकने के लिए ज़रूरी होगी। हालाँकि, अभी आख़िरी ट्रायल के परिणाम और नियामक मंजूरी मिलना बाक़ी है।
ऑक्सफ़ोर्ड से अलग मॉडर्ना और फाईजर कंपनियों की कोरोना वैक्सीन के आख़िरी चरण के ट्रायल में क़रीब 95 फ़ीसदी प्रभावी होने की ख़बर से दुनिया भर में उम्मीद जागी तो इसकी उत्सुकता और बनी है कि आम लोगों को वैक्सीन कब तक मिलेगी और कितने रुपये में मिलेगी। लोगों को वैक्सीन का इंतज़ार इसलिए भी है कि फ़िलहाल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर है और यह अनियंत्रित लग रही है। दुनिया भर में लॉकडाउन लगाए जाने के बावजूद कोरोना वायरस नियंत्रित होता नहीं दीख रहा है।
कई देशों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ गई है और दुनिया भर में संक्रमण कितनी तेज़ी से फैल रही है इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि हर रोज़ 6 लाख से भी ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं। हालाँकि, दूसरी लहर सभी देशों में नहीं आई है, लेकिन जहाँ-जहाँ भी संक्रमण तेज़ी से फैला है वहाँ-वहाँ पहले से काफ़ी तेज़ी से और काफ़ी ख़तरनाक भी है। इसकी मिसाल अमेरिका और यूरोप ही हैं।
कोरोना की दूसरी लहर कितनी ख़तरनाक और डरावना हो सकता है इसकी मिसाल ऑस्ट्रेलिया में उठाए गए सख़्त क़दमों से भी मिल सकती है।
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में बाहर कसरत करना और कुत्तों को टहलाना भी प्रतिबंधित है। छह दिनों के लिए एक परिवार से सिर्फ़ एक व्यक्ति को ही प्रतिदिन बाहर जाने की अनुमति होगी और इसके लिए भी अधिकारियों को वाजिब कारण बताना होगा। स्कूल, यूनिवर्सिटी, कैफ़े, रेस्तराँ बंद रहेंगे। इसके अलावा शादियाँ भी प्रतिबंधित की गई हैं। मास्क को ज़रूरी किया गया है।
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इसी बीच एस्ट्रेज़ेनेका कंपनी के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन लोगों को उपलब्ध होने के बारे में दावा किया गया है। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ क़रार करने वाली सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने हिंदुस्तान लीडरशिप समिट में गुरुवार को कहा कि 2024 तक सभी भारतीयों को वैक्सीन मिल जाएगी।
उन्होंने कहा, 'हर भारतीय को टीका लगाने में शायद दो या तीन साल लगेंगे, न केवल आपूर्ति की कमी के कारण, बल्कि इसलिए भी कि आपको बजट, वैक्सीन, लॉजिस्टिक्स, बुनियादी ढाँचे की ज़रूरत है और फिर, लोगों को वैक्सीन लेने के लिए भी तैयार होना चाहिए।'
अदार पूनावाला ने कहा कि सरकार को वैक्सीन की एक डोज 3-4 डॉलर की पड़ेगी। यानी क़रीब 300 रुपये। लेकिन आम लोगों के लिए यह 4-5 डॉलर का ख़र्च आएगा। यानी क़रीब 500 रुपये। वैक्सीन की दो डोज के लिए इसके दोगुने रुपये लगेंगे।
जब उनसे यह पूछा गया कि सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन की आपात मंजूरी के लिए कब आवेदन करेगी तो उन्होंने कहा कि पहले इंग्लैंड और यूरोप में मंजूरी ली जाएगी इसके बाद भारत में ड्रग कंट्रोलर के पास आवेदन किया जाएगा।
पूनावाला ने कहा कि कंपनी की योजना है कि वह फ़रवरी से हर माह क़रीब 10 करोड़ डोज तैयार करे।