कोविशील्ड: राज्यों को 400 रु., निजी अस्पतालों को 600 में एक डोज
एक मई से 18 से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन की क़ीमतों की घोषणा की है। इसने कहा है कि कोविशील्ड के प्रति डोज के लिए राज्यों को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये चुकाने होंगे। केंद्र सरकार को पहले से ही सीरम 150 रुपये में प्रति डोज दे रहा है।
दुनिया के दूसरे देशों की वैक्सीन से तुलना करते हुए इसने दावा किया है कि कोविशील्ड उन वैक्सीनों से सस्ती है क्योंकि वे प्रति डोज 750 रुपये से 1500 रुपये के बीच में पड़ती हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ने इस संबंध में ट्वीट कर एक बयान जारी किया है।
IMPORTANT ANNOUNCEMENT pic.twitter.com/bTsMs8AKth
— SerumInstituteIndia (@SerumInstIndia) April 21, 2021
मौजूदा स्थिति यह है कि सरकारी टीकाकरण केंद्रों में सरकार मुफ़्त में आम लोगों को टीका लगवा रही है जबकि निजी अस्पतालों वाले टीकाकरण केंद्रों में टीके की क़ीमत चुकानी पड़ रही है। सरकार ने 1 मई से टीकाकरण के नये चरण की घोषणा तब की है जब देश में कई राज्यों से टीके की कमी पड़ने की शिकायतें आ रही हैं। इसी कारण कहा जा रहा है कि टीकाकरण अभियान धीमा पड़ गया है। सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक 13 करोड़ टीके की खुराक लगाई जा चुकी है।
टीका कम पड़ने की वजह से ही केंद्र और राज्यों के बीच इस पर विवाद भी हुआ है। इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सख़्त टिप्पणी की है। एक दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना टीके की बर्बादी को लेकर कहा कि चूँकि महामारी किसी में भेदभाव नहीं करती है इसलिए सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए। जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की खंडपीठ ने वर्तमान स्थिति को केंद्र की खराब योजना का नतीजा बताया था। इसने कहा, 'आपको स्थिति को समझ लेना चाहिए। यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है।'
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि ख़बरों के अनुसार छह प्रतिशत टीकों का हर रोज वेस्टेज यानी अपव्यय होता है और अब तक तमिलनाडु में अधिकतम 10 करोड़ में से 44 लाख टीके बर्बाद हो चुके हैं। अदालत ने केंद्र से कहा, 'यह बहुत बड़ा वेस्टेज है। जो चाहते हैं, उन्हें दे दें। जिसको भी आप टीका लगा सकते हैं, टीकाकरण कराएँ। चाहे 16 साल का हो या 60 साल का, सभी को टीकाकरण की ज़रूरत है। महामारी भेदभाव नहीं करती है।'
अदालत ने कहा कि युवा इस समय अधिक प्रभावित हो रहे हैं, और बहुत सारे युवाओं की मौत हो गई है। इसने कहा कि यदि दिन के आखिर में कुछ शीशी में कुछ शॉट्स उपलब्ध हैं तो यह किसी को दिया जाए चाहे वे टीकाकरण के लिए अनुमोदित श्रेणियों में आते हैं या नहीं।
अब जो 1 मई से टीकाकरण अभियान का नया चरण शुरू होने वाला है उसके लिए सरकार की नीति है कि 50 फ़ीसदी टीके की खुराक केंद्र के लिए रखी जाएगी और बाक़ी 50 फ़ीसदी में से राज्यों और निजी अस्पतालों को दी जाएगी।
सभी वयस्कों के लिए टीकाकरण शुरू होने पर अतिरिक्त 12 लाख खुराक की आवश्यकता होगी।
सरकार द्वारा वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 4,500 करोड़ की सहायता देने की घोषणा की गई है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सीरम के प्रमुख अदार पूनावाला का कहना है कि टीके के उत्पादन में तुरंत गति आएगी और मई के अंत तक बाजार में कोविशिल्ड की 15 से 20 प्रतिशत अधिक खुराक होगी।