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अयोध्या : सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ख़ास प्रशिक्षण

अयोध्या : सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ख़ास प्रशिक्षण

सुप्रीम कोर्ट थोड़ी देर में बाबरी मसजिद-राम मंदिर विवाद पर फ़ैसला सुना देगा। इसके लिए अयोध्या में ख़ास तैयारियाँ की गई हैं, सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट थोड़ी देर में बाबरी मसजिद-राम मंदिर विवाद पर फ़ैसला सुना देगा। इसके लिए अयोध्या में ख़ास तैयारियाँ की गई हैं, सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस बीच प्रशासन हर तरह से हालात को काबू रखने के लिए पूरी तैयारी में हैं।

इस बीच अतिरिक्त महानिदेशक, अभियोजन, आशुतोष पांडे ने  सुरक्षा की मॉनीटरिंग की कमान संभाल ली है। रोज़ाना पुलिस अधिकारियों की बैठकों में सुरक्षा प्लान की समीक्षा की जा रही है। बाहर से करीब 150 कंपनी फोर्स की माँग की गई हैm जो यहाँ पँहुच चुकी है। इसमें पैरामिलिटरी फ़ोर्स ज्यादा है। बाहर के 180 पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगी है

अयोध्या व फ़ैज़ाबाद में फ़िलहाल जनजीवन सामान्य बना हुआ है। पर सुरक्षा को लेकर भारी पुलिस बलों की तैनाती को लेकर लोग असमंजस में है। लोगों ने खाने पीने की ज़रूरी चीजों को इकट्ठा कर लिया है। 

विशेष प्रशिक्षण

रिजर्व पुलिस लाइन्स में विशेष ट्रेनिंग एसएसपी आशीष तिवारी के मुताबिक़, मंदिर-मसजिद केस के फ़ैसले पर पुख़्ता सुरक्षा व किसी भी  हालात से निपटने के लिए हर तरह से तैयारी की गई है। रिजर्व पुलिस लाइन्स में रोजाना पीएसी व पुलिस बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस की अभिसूचना इकाई,सशस्त्र प्रशिक्षण रेडियो शाखा पुलिस अस्पताल, आरमरी शाखा, फ़ायर सर्विस शाखा, यातायात पुलिस के लोगों को ख़ास ट्रेनिंग दी गई है।

इस बीच कार्तिक पूर्णिमा मेला भी 12 नवंबर को समाप्त हो रहा है। परिक्रमा में 10 लाख से ज्यादा भीड़ जुटी थी। उसी को आधार मान कर प्रशासन का अनुमान है कि कार्तिक पूर्णिमा  पर 12 नवंबर को भी सरयू स्नान के लिए 15 लाख से ज्यादा की भीड़ धार्मिक नगरी में जमा हो सकती है।

एसएसपी का कहना है कि सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी है। 150 से ज़्यादा स्कूल-कालेज के परिसरों  मे पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स के लोग ठहरे हुए हैं। पुलिस लाइन्स में स्पेशल दस्तों व फ़ोर्स को किसी हालात से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। क़रीब 16 हज़ार डिजिटल वालंटियर बनाए गए हैं जो अपने इलाक़ों की गतिविधियों के बारे में जानकारी दे  रहे है।

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