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हिजाब विवाद: उडुपी में कल से स्कूलों के पास 5 से ज़्यादा इकट्ठा नहीं हो सकते

हिजाब विवाद: उडुपी में कल से स्कूलों के पास 5 से ज़्यादा इकट्ठा नहीं हो सकते

कर्नाटक सरकार द्वारा घोषित छुट्टी के बाद खुल रहे उडुपी ज़िले के स्कूलों के आसपास पाँच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर पाबंदी क्यों लगाई गई?

कर्नाटक के कॉलेज में मुसलिम छात्राओं के हिजाब पहनकर जाने पर मचे घमासान के बीच उडुपी ज़िले के सभी हाई स्कूलों के आसपास सोमवार से धारा 144 लागू होगी। यह निषेधाज्ञा 14 फ़रवरी को सुबह छह बजे से लेकर 19 फ़रवरी यानी शनिवार शाम 6 बजे तक लागू रहेगी।

इसका मतलब है कि उस ज़िले में इस दौरान हाई स्कूलों के आसपास के इलाक़े में पांच या अधिक लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं होगी। विरोध और रैलियों सहित सभी प्रकार की सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नारे लगाने, गाने और भाषण देने पर सख्ती से रोक होगी।

हिजाब-भगवा शॉल विवाद के मद्देनज़र यह क़दम एहतियात के तौर पर उठाया गया है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा घोषित छुट्टी के बाद सोमवार को स्कूल फिर से खुल रहे हैं।

कर्नाटक में हिजाब का विवाद देश भर में मुद्दा बन गया है। कर्नाटक के उडुपी जिले के सरकारी कॉलेजों में छात्राओं के कक्षा के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के बाद टकराव शुरू हुआ। विवाद तब शुरू हुआ था जब 6 मुसलिम छात्राओं के एक समूह को हिजाब पहनने के कारण उडुपी ज़िले के एक कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। बाद में ऐसा ही विवाद दूसरे कॉलेजों में भी हो गया।

तब से राज्य भर में विरोध हो रहा है। कुछ हिंदू छात्रों और फ्रिंज समूहों ने भगवा शॉल और हेडड्रेस पहनकर विरोध में आंदोलन शुरू कर दिए हैं।

हिजाब को लेकर कर्नाटक में विरोध-प्रदर्शन के बीच राज्य के कई ज़िलों में पथराव और लाठीचार्ज की घटनाएँ भी हुई हैं। कॉलेज तक बंद करने पड़े। पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुँचा।

इसी विवाद के बीच जब स्कूल खुल रहे हैं तो धारा 144 लगाने का फ़ैसला लिया गया है। ज़िला पुलिस अधीक्षक द्वारा उपायुक्त एम कूर्मा राव से सभी हाई स्कूलों के आसपास 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगाने के अनुरोध के बाद यह आदेश दिया गया है।

इससे पहले बेंगलुरु में अधिकारियों ने शहर के स्कूलों और कॉलेजों के आसपास किसी भी तरह के जमावड़े को प्रतिबंधित करने के लिए निषेधाज्ञा लागू की थी।

सीआरपीसी की धारा 144 बेंगलुरु के स्कूलों, पीयू कॉलेजों, डिग्री कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के आसपास लागू की गई थी। बेंगलुरु में निषेधाज्ञा 22 फ़रवरी तक प्रभावी है।

बता दें कि कर्नाटक हिजाब विवाद के मुद्दा पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। बीजेपी और कांग्रेस के अलावा एआईएमआईएम जैसे दल भी अपनी राय रख रहे हैं। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि हिजाब पहनने वाली लड़की कॉलेज जाएंगी तो एक दिन डॉक्टर भी बनेंगी, कलेक्टर भी बनेंगी... और भारत की प्रधानमंत्री भी बनेंगी। 

ओवैसी ने अपने भाषण के एक वीडियो का हिस्सा ट्वीट किया है जिसमें वह यह कहते सुने जा सकते हैं कि यदि बेटियाँ ये फ़ैसला करती हैं कि वह हिजाब पहनेंगी तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता है।

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